Rape Case 2018: पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को सुनाई 20 साल की सजा, बीस हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया

punjabkesari.in Friday, May 26, 2023 - 02:05 AM (IST)

हरदोई, Rape Case 2018: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हरदोई (Hardoi) जिले में की एक अदालत (Court) ने 7 साल की मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म (Rape) करने वाले आरोपी को बीस साल के कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। गांव के युवक द्वारा दुष्कर्म की शिकार हुई मासूम पुत्री के साथ हुई दरिंदगी का यह मामला पिता ने दर्ज दर्ज कराया था। अदालत में आरोपी के खिलाफ मजबूत गवाही और फोरेंसिक मेडिकल जांच में मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई। अदालत ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर उसे 20 साल की सजा और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
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मासूम से दुष्कर्म करते रंगे हाथों पकड़ा गया था आरोपी
पुलिस की हिरासत में खड़े इस व्यक्ति का नाम संदीप पुत्र बड़े लला उर्फ़ राजकुमार है जो पचदेवरा थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है। अदालत ने उसको गांव की एक सात वर्षीय मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक 6 दिसम्बर 2018 को जब मासूम बालिका अपने घर से अपने बाबा को खेत पर खाना देकर वापस आ रही थी उसी दौरान लौटते समय आरोपी संदीप ने उसे पकड़ लिया और गांव के कब्रिस्तान में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। बालिका को घर ना आया देखकर परिवार के लोग और गांव के लोग खोजते हुए जब कब्रिस्तान की तरफ गए तो बालिका के रोने की आवाज सुनकर कब्रिस्तान के अंदर आरोपी को रंगे हाथ दुष्कर्म करते हुए पकड़ लिया। जिसके बाद पीड़ित बालिका के पिता ने आरोपी के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था और बालिका का मेडिकल कराने के अलावा घटनास्थल की फॉरेंसिक टीम द्वारा जांच की गई थी।
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पुलिस ने इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पास्को कोर्ट की अदालत में आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अमित कुमार शुक्ला द्वारा इस मामले में मासूम बालिका और मुकदमे के वादी और गांव के लोगों की गवाही कराई गई।  अदालत में गवाहों की गवाही, पीड़ित बालिका के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अमित कुमार शुक्ल द्वारा अपर सत्र न्यायाधीश पास्को कोर्ट की न्यायाधीश निरुपमा विक्रम की अदालत में जिरह की गयी। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा भी प्रधानी की रंजिश में झूठा फसाये जाने को लेकर जिरह की गयी। अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह सुनने के बाद पीड़ित बालिका के और मुकदमे में गवाहों के बयान मेडिकल रिपोर्ट और एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 20 साल की कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा आरोपी पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। सजा सुनाने के बाद अदालत में मौजूद आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
 


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Content Writer

Mamta Yadav

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