यूपी में चल रहा पोस्टर वार; संजय निषाद बने ''27 के खेवनहार'', सपा के ''सत्ताईस के सत्ताधीश'' के जवाब में लगाए पोस्टर
punjabkesari.in Friday, Oct 25, 2024 - 02:39 PM (IST)
UP News: उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक दल इन दिनों उपचुनाव की तैयारियों में जुटे हुए है। सभी पार्टियां चुनाव में जीत हासिल करना चाहती है और एक दूसरे पर वार पलटवार भी कर रही है। राजधानी लखनऊ में इन दिनों पोस्टर वार जारी है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का पोस्टर लगने के बाद अब बीजेपी के सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष और मंत्री संजय निषाद के पोस्टर लगे है। निषाद पार्टी की तरफ से 'सत्ताईस के खेवनहार' के पोस्टर लगाए गए है। इसके बाद यूपी में सियासत और गरमा गई है।
बता दें कि अखिलेश यादव की एक बड़ी सी होर्डिंग कार्यकर्ताओं ने अभी हाल में पार्टी के मुख्य कार्यालय पर लगवाई है। इसमें अखिलेश की तस्वीर के साथ लिखा गया है- 27 के सत्ताधीश। इसके बाद निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद की बड़ी सी फोटो लगाकर उनकी पार्टी के पदाधिकारियों ने होर्डिंग लगाई है। इसमें संजय निषाद को 27 का खेवनहार बताया गया है। इन दोनों पार्टियों में पोस्टर वार शुरू हो गया है।
'निषाद पार्टी ही यूपी में एनडीए की खेवनहार बनेगी'
वहीं, इस पर निषाद पार्टी के प्रवक्ता और सचिव अजय सिंह का कहना है कि 2027 में निषाद पार्टी ही यूपी में एनडीए की खेवनहार बनेगी। वहीं, खुद संजय निषाद ने कहा है कि इस तरह के पोस्टर पार्टी के लोगों ने लगाए हैं।
हमें सीट नहीं जीत चाहिए-संजय निषाद
आज यानी शुक्रवार को निषाद पार्टी के अध्यक्ष और मंत्री संजय निषाद ने कहा है कि उनकी पार्टी यूपी उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की खुले मन से समर्थन करेगी। उन्हें सीट नहीं जीत चाहिए। उन्होंने कहा कि 'मेरी हमेशा एक विचारधारा रही है कि हमें सीट नहीं जीत चाहिए और हम उस जीत के सहारे में समाज को बहुत कुछ दे सकते हैं। उस जीत की देन रही है कि 2017 में मैं चुनाव लड़ा था और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस-सपा-बसपा को हटना पड़ा, जो कि एक इतिहास था। इसके बाद आपने 2018, 19 फिर 2024 और 24 में भी ऐतिहासिक जीत आपने देखी।' उन्होंने कहा, 'आज हमें इस उपचुनाव में जीत चाहिए.हम खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं कि हमें लेकर विपक्ष के लोग भी ट्वीट कर रहे हैं. कभी देश की बड़ी पार्टी रही कांग्रेस उत्तर प्रदेश में आज वो भी कह रही है कि हमें जीत चाहिए, सीट नहीं। मैं तो निषादराज का वंशज हूं, हम जीत के लिए आए हैं।'