जेल से रिहा होकर घर पहुंचे प्रोफेसर मो. शाहिद, कहा- मैं बेकसूर हूं

punjabkesari.in Friday, Jun 05, 2020 - 10:42 PM (IST)

प्रयागराजः इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व तबलीगी जमातियों के मददगार प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। जमानत मिलने के बाद वह अपने घर पहुंचे जहां उनके विभाग के छात्रों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि तबलीगी जमात में शामिल होने को लेकर पुलिस और प्रशासन से मैंने कोई जानकारी नहीं छिपाई है।

बता दें कि प्रोफेसर शाहिद को जमातियों की मदद करने और उसमें शामिल होने की जानकारी छिपाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। जहां करीब डेढ़ महीने तक उन्होंने जेल में गुजारा।  इसके बाद जमानत मिलने पर वह रिहा होकर अपने घर पहुंच गए हैं। जमानत पर छूटने के बाद घर पहुंचे प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद ने खुद को बेकसूर बताते हुए अपने ऊपर लगाये गए सारे आरोपों को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष से अनुमति लेकर ही वे 7 मार्च को दिल्ली के निजामुद्दीन तबलीगी मरकज में शामिल होने गए थे और 10 मार्च को ट्रेन से प्रयागराज लौट आये थे।

इसके साथ ही उन्होंने इंडोनेशियाई जमातियों को मस्जिद में ठहराने के आरोप को भी निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया के जमातियों से उनकी कोई पुरानी जान पहचान नहीं थी। उन्होंने कहीं से मोबाइल नंबर हासिल कर मुस्लिम मुसाफिर खाने का सिर्फ उनसे पता पूछा था। प्रोफेसर ने जमात के प्रमुख मौलाना साद और एमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से फोन पर बातचीत होने से भी साफ तौर पर इंकार किया है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया है कि दिल्ली जमात में जाने पर मौलाना साद से कई बार मुलाकात जरुर हुई लेकिन उनसे कभी फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई है।

 


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Author

Moulshree Tripathi

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