मेरठ हादसे में कांवड़ियों की मौत मामले में नियमों की अनदेखी पर उठ रहे हैं सवाल, पुलिस पर लगाए लापरवाही के आरोप
punjabkesari.in Sunday, Jul 16, 2023 - 04:41 PM (IST)

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में हाई वोल्टेज लाइन की चपेट में आने से छह कांवड़ियों की मौत के बाद यात्रा के दौरान डीजी की ऊंचाई को लेकर स्पष्ट नियमों की अनदेखी किए जाने की बात उठ रही है और इस कारण पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ रही है। इस मामले में मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सजवाण ने आज बताया कि इस बात की जांच कराई जा रही है कि ट्रैक्टर ट्राली पर रखे 22 फुट ऊंचे डीजे को आखिर कैसे कांवड़ यात्रा में शामिल होने दिया गया। उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कारर्वाई की जायेगी। दूसरी तरफ इस मामले में ऊर्जा निगम की एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है जो हाई वोल्टेज लाइन से करंट फैलने के बारे में विस्तार से जांच करेगी।
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पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक चैत्रा वी ने बताया कि इस जांच समिति में मुख्य अभियंता, सुरक्षा अधिकारी और एक अधिशासी अभियंता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोटर् आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा शुरु होने से पूर्व ही चार राज्यों के आला पुलिस अधिकारियों की हाई प्रोफाइल मीटिंग में तय कर दिया गया था कि 12 फुट से ऊंचे डीजे (म्यूजिक सिस्टम) को कांवड़ यात्रा में शामिल नहीं होने दिया जायेगा। इसके बावजूद 22 फुट ऊंचे डीजे को कैसे अनुमति दी गई और किसी भी जगह उसे नहीं रोका गया।
12 फीट से ऊंचे डीजे पर प्रतिबंध है पुलिस कों नहीं थी जानकारीः चैत्रा वी
मेरठ में भावनपुर क्षेत्र के राली चौहान गांव से 22 फुट ऊंचे डीजे को ट्रैक्टर ट्राली में रखकर हरिद्वार तक ले जाया गया और फिर वहां से वापस लाया गया। उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश के इस बीच में मुजफ्फरनगर और मेरठ जिले में दर्जनों थाने और पुलिस चौकियां हैं लेकिन कहीं भी इतने ऊंचे डीजे को रोकने का प्रयास भी नहीं किया गया। हैरानी की बात है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर तैनात किसी भी पुलिस कर्मी या अधिकारी को यह जानकारी क्यों नहीं थी कि कि 12 फुट से ऊंचे डीजे पर प्रतिबंध है।
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नियम अनुसार डीजे की ऊंचाई होती तो नहीं होता हादसाः चैत्रा वी
इतना ही नहीं मेरठ में जेल चुंगी पर कांवड़ियों के दो ग्रुपों में होड़ को देखते हुए इस डीजे को कुछ देर रोका भी गया था, लेकिन उसकी ऊंचाई को पूरी तरह अनदेखा कर दिया गया। पुलिस की लापरवाही का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि डाक कांवड़ गांव से ले जाने से पूर्व भावनपुर थाने से अनुमति ली गई थी लेकिन पुलिस ने डीजे संचालक के विरुद्ध कोई कारर्वाई नहीं की। अगर नियम के अनुसार ऊंचाई करा के डीजे रवाना किया गया होता तो यह हादसा संभवत: टाला जा सकता था।