Ram Mandir: 1000 साल तक खराब नहीं होंगे ‘गोल्डन गेट’, जानें क्या है खास खूबियां
punjabkesari.in Wednesday, Jan 10, 2024 - 03:52 PM (IST)

Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को लेकर देश-विदेश में उत्साह का माहौल है। इस कार्यक्रम में हर चीज भव्य है। भव्य प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम से पहले तैयारियां जोरों पर है। इसी कड़ी में मंगलवार को श्री राम मंदिर में सोने का पहला दरवाजा (Golden Gate) गेट नं.-11 पर लगाया जा चुका है। राम मंदिर में कुल 46 दरवाजे लगाए जाएंगे। खास बात यह है कि इन दरवाजों को तैयार करने के लिए लकड़ी महाराष्ट्र से लाई गई थीं। इसके लिए खास तरह के सागवान को मंगवाया गया है। इन दरवाजों को बनाने वाली कंपनी के मालिक ने ये दावा किया है कि ये दरवाजे इतनी मजबूत लकड़ी से बनाए गए हैं कि आने वाले 1000 साल तक खराब नहीं होंगे।
राम मंदिर में लगेंगे कुल 46 दरवाजे
जानकारी के मुताबिक, यह दरवाजा करीब 12 फीट ऊंचा और 8 फीट चौड़ा है। वहीं, आने वाले तीन दिन में 13 और दरवाजे लगाए जाएंगे। ये दरवाज़ा गर्भगृह की ऊपरी मंज़िल पर लगाए जा रहे हैं। गर्भगृह में सिर्फ एक दरवाजा होगा इसके चौखट के ऊपर भगवान विष्णु की शयन मुद्रा में चित्र को उकेरा गया है। राम मंदिर में कुल 46 दरवाजे लगेंगे, इनमें से 42 पर 100 किलोग्राम सोने की परत चढ़ाई जाएगी।
इन दरवाजों को बनाने वाले कारीगर हैदराबाद के अनुराधा टिम्बर इंटरनेशनल कंपनी से आए हैं। इस कंपनी के मालिक शरद बाबू ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि इन दरवाजों को नागर शैली में बनाया गया है। उन्होंने कहा कि बड़े मंदिरों के दरवाजे बनाने का उनका पुराना अनुभव है। इसी के आधार पर उनके कारीगरों ने बेहद ही बारीक तरीके से लकड़ी पर कलाकृतियों को आकार दिया है।
'6 महीनों से दिन रात चल रहा है दरवाजे बनाने का काम'
शरद बाबू ने आगे बताया कि राम मंदिर में लगने वाले स्वर्ण जड़ित दरवाजे बनाने के लिए लकड़ियां महाराष्ट्र से लाई गई थीं। इसके लिए खास तरह के सागवान को मंगवाया गया है। दरवाजे ऐसे बनाए गए हैं कि आने वाले 1000 साल तक यह खराब नहीं होंगे, क्योंकि इन दरवाजों को मजबूत लड़की से बनाया जा रहा है। इन दरवाजों को बनाने का काम पिछले 6 महीनों से दिन रात चल रहा है और लगभग 60 कारीगर इस काम में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि कुल 14 दरवाजे रामनगरी पहुंच गए है। इन दरवाजों को लगाने का काम 15 जनवरी से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि सभी काम प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पूरे कर लिया जाएगा।
दरवाजों पर नागर शैली के निर्माण की दिख रही झलक
बता दें कि गर्भगृह के मुख्य द्वारों की पूजा हो गई है, तो वहीं गर्भगृह के दोनों ओर लगने वाले दरवाजों पर काम जारी है। मंदिर निर्माण स्थल के पास बने कार्यशाला में सोने के 13 अन्य दरवाजों को देखा जा सकता है। दरवाज़ों पर हाथी, कमल दल, झरोखे जैसे डिजाइन इसकी शोभा बढ़ा रहे हैं। हैदराबाद की 100 साल पुरानी कंपनी अनुराधा टिंबर राम मंदिर के लकड़ी के दरवाजों को तैयार कर रही है। मगर, खास बात ये है कि ये दरवाजे अयोध्या में अस्थाई वर्कशॉप में बनाकर तैयार किए जा रहे हैं। दरवाजों पर नागर शैली के निर्माण की झलक साफ दिख रही है। मंदिर के दरवाजे पर सोने की परत चढ़ी होगी।
दरवाजों पर शुभता के प्रतीकों को उकेरा गया
दरवाजों की वर्क शॉप में काम कर रहे शेखर दास ने बताया कि दरवाजों की डिजाइन में इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि भव्यता की झलक इनमें दिखे। साथ ही हिंदू धर्म में जो शुभता के प्रतीक माने जाते हैं, उन चिह्नों को भी इन दरवाजों पर उकेरा गया है। लकड़ी के दरवाजों पर नक्काशी के लिए तमिलनाडु के कारीगर दिन-रात अयोध्या में काम कर रहे हैं।