पूर्व MLC हाजी इकबाल को HC से बड़ी राहत: गैंगेस्टर एक्ट में पारित DM का आदेश स्थगित, 4 सप्ताह में व्यक्तिगत हलफनामा देने का आदेश

punjabkesari.in Monday, Jul 11, 2022 - 05:03 PM (IST)

सहारनपुर: बीते चार महीने से प्रशासन की कार्रवाई की जद में आए पूर्व एमएलसी व खनन कारोबारी हाजी इकबाल को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर गैंगेस्टर एक्ट में जिलाधिकारी द्वारा पारित आदेश को स्थगित कर जिलाधिकारी को चार सप्ताह में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

बता दें कि  बीते दिनों थाना मिर्जापुर पुलिस ने हाजी इकबाल को गिरोहबंद अपराधी मानते हुए उनके भाई, बेटों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में हाईकोर्ट ने 12 मई 2022 को आदेश दिया था कि आरोपियों के विरूद्ध दो माह तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी और आरोपी इसी अवधि में जिले स्तर की अदालत में अपना मामला निपटा लेगें। हाईकोर्ट में हाजी इकबाल के अधिवक्ता आईबी यादव ने कोर्ट को बताया था कि 12 मई के आदेश की जानकारी होने के बावजूद 13 मई को कुर्की का आदेश किए। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अग्रिम जमानत की अर्जी 12 मई 2022 को इस शर्त के साथ खारिज कर दी गई थी कि मामले के गुण-दोष को देखते हुए आदेश पारित होने की तारीख से दो महीने की अवधि के लिए आवेदकों के खिलाफ कोई दंडात्मक उपाय नहीं अपनाया जाएगा।

आवेदक के अधिवक्ता का निवेदन है कि उसने आदेश दिनांक 12 मई 2022 को उसी दिन जिलाधिकारी कार्यालय, सहारनपुर को अवगत करा दिया था, किन्तु अगली ही तिथि अर्थात् 13 मई 2022 को जिलाधिकारी द्वारा जब्ती आदेश पारित किया गया था। सहारनपुर प्रशासन ने उत्तर प्रदेश की धारा 14(1) के तहत आवेदक की कुछ संपत्ति जब्त कर ली है। आदेश दिनांक 13 मई 2022 के माध्यम से जिलाधिकारी सहारनपुर ने दिनांक 23 मई 2022 को एक प्रेस विज्ञप्ति-सह-आदेश जारी किया है जिसके द्वारा यह कहा गया है कि आवेदकों की जब्त संपत्ति 2 जून 2022 यानी लगभग आठ दिनों के बाद नीलामी के लिए मंगाई गई है।

आवेदकों ने दिनांक 31 जून 2022 को जिलाधिकारी, सहारनपुर के समक्ष यह कहते हुए आपत्ति दर्ज करायी कि इस न्यायालय द्वारा पारित कोई दंडात्मक कार्रवाई आदेश आज की तिथि तक प्रचलित नहीं है, अत: मुक्ति आवेदन पर विद्वान अधिवक्ता द्वारा निर्णय दिये जाने तक कोई आदेश पारित नहीं किया जायेगा। लेकिन इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश की अनदेखी करते हुए नीलामी की कार्यवाही की गई है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यह संदेह से परे है कि आवेदकों ने इस अग्रिम जमानत आवेदन के माध्यम से इस न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, लेकिन आवेदकों के खिलाफ कोई दंडात्मक उपाय नहीं करने के लिए इस न्यायालय के अवलोकन के बाद, राज्य को किसी भी आदेश को पारित करने से बचना चाहिए था। जब तक 12 मई 2022 के आदेश को संशोधित नहीं किया गया था।

इस लिए जिला दंडाधिकारी सहारनपुर द्वारा पारित जब्ती आदेश 13 मई 2022 की अवधि के लिए स्थगित रखा जायेगा। आज से चार सप्ताह के भीतर जिला मजिस्ट्रेट, सहारनपुर, वर्तमान मामले के विवरण को उसकी समग्रता में बताते हुए अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करेंगे। यह मामला 23 अगस्त 2022 को सूचीबद्ध के रूप में पोस्ट किया गया है।


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Content Writer

Mamta Yadav

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