Ramcharitmanas विवाद पर चौतरफा घिरे Swami Prasad Maurya, अब उठी देशद्रोह केस की मांग
punjabkesari.in Tuesday, Jan 24, 2023 - 02:23 PM (IST)
बलिया: शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप (Swami Anand Swaroop) ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) के संबंध में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की अपमानजनक टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की। स्वामी आनंद स्वरूप (Swami Anand Swaroop) ने मौर्य को विदेशी षड्यंत्रकारियों का मुखौटा भी करार दिया। उन्होंने सोमवार रात बलिया (Ballia) के बिल्थरा रोड में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कोई मुसलमान और मौलाना भी हिंदू धार्मिक ग्रंथों के संबंध में अनर्गल टिप्पणी नहीं करता।
'2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए की जा रही है अनर्गल बयानबाजी'
मौर्य की टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता व विशेष समुदाय का वोट हासिल करने के लिए ओछी हरकत नहीं करना चाहिए। कोई मुसलमान और बड़ा मौलाना भी रामचरितमानस और गीता जैसे हिंदू धार्मिक ग्रंथों का विरोध नहीं करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की अनर्गल बयानबाजी वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।
'स्वामी प्रसाद मौर्य पर राष्ट्रद्रोह के तहत दर्ज किया जाना चाहिए मामला'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सलाह देते हुए स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इस तरह के बयानों को गंभीरता से लेते हुए उन पर अंकुश लगाने की दिशा में प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए तथा राष्ट्रद्रोह के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि विदेशी ताकतें देश में अमन बिगाड़ने का प्रयास कर रही हैं। शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि रामचरितमानस में स्पष्ट उल्लेख है कि हर व्यक्ति क्षुद्र के रूप में जन्म लेता है। कर्म के अनुसार ही वह क्षुद्र या ब्राह्मण बनता है। ब्रह्मर्षि वाल्मीकि क्षुद्र थे, लेकिन हिंदू समाज ने हमेशा से ही उन्हें मंदिर में प्रतिष्ठित कर पूजा है।
जानिए, रामचरितमानस पर क्या बोले थे स्वामी प्रसाद मौर्य?
गौरतलब है कि सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था, “धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मजबूती से है। अगर रामचरितमानस की किन्हीं पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता हो, तो यह निश्चित रूप से धर्म नहीं, बल्कि अधर्म है।” उन्होंने आरोप लगाया था, “रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में कुछ जातियों जैसे कि तेली और कुम्हार का नाम लिया गया है। इससे इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं।” मौर्य ने मांग की थी, “रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंश, जो जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर समुदायों का अपमान करते हैं, उन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।” उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्ववर्ती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ सपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। हालांकि, सपा ने बाद में उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया था।