राम मंदिर आंदोलन से जुड़े वरिष्ठ संतों को ट्रस्ट में नहीं दिया गया महत्व: वेदांती

punjabkesari.in Friday, May 15, 2020 - 03:05 PM (IST)

अयोध्या: भाजपा के पूर्व सांसद और संत राम विलास वेदांती ने अयोध्या में एक बड़ा दिया है। रामविलास दास वेदांती ने श्रीराम जन्म भूमि ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय पर नाराजगी व्यक्त करते हुए संतों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्रस्ट के पदाधिकारियों पर भी नाराजगी व्यक्त की है। वेदांती ने राम जन्म भूमि के स्वरूप को भी लेकर प्रश्न चिन्ह उठाया है। उन्होंने चंपत राय को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि राम जन्मभूमि पर छोटा मंदिर बने। जबकि अशोक सिंघल ने संतों के साथ बैठक कर आश्वासन दिया था कि राम जन्मभूमि पर विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर होगा। ऐसे में रामविलास दास ने PM से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

बता दें कि  कि राम जन्मभूमि विवाद पर फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हुआ था। इस ट्रस्ट में कई लोग शामिल हैं। राम मंदिर निर्माण के निमित्त श्री राम लला को नया स्थाई भवन में शिफ्ट भी किया गया और अब मंदिर के परिसर में धीरे-धीरे साफ-सफाई और कटिंग हटाने का कार्य किया जा रहा है। लेकिन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय पर रामविलास दास वेदांती ने नाराजगी व्यक्त की है और उन्होंने संतो की उपेक्षा का आरोप भी चंपत राय पर लगाया है।

 बसपा और कांग्रेस के नेताओं को ट्रस्ट में शामिल किया
वेदांती का ने नृत्य गोपाल दास आरोप लगात हुए कहा कि परासरण ने 94 वर्ष की आयु में 7 घंटे खड़े होकर के रामलला के पक्ष में मुकदमा लड़ा। लेकिन उनकी जगह पर महंत नृत्य गोपाल दास जी को अध्यक्ष बना दिया गया। उन्होंने कहा कि अयोध्या के वरिष्ठ संतों को जो राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे उनकी उपेक्षा की गई है। उनको महत्त्व नहीं दिया गया। चंपत राय ने बसपा और कांग्रेस के नेताओं को ट्रस्ट में शामिल किया। वेदांती ने कहा कि एक हजार एक सौ 11 फीट ऊंचा मंदिर बने जो इस्लामाबाद, काठमांडू और कोलकाता से दिखाई दे। वेदांती ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि हिंदू भावनाओं की रक्षा के लिए विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर अयोध्या में बनना चाहिए। 


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Edited By

Ramkesh

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