प्रयागराज में हालात सामान्य: मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, 13 अखाड़ों ने  किया अमृत स्नान

punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2025 - 03:35 PM (IST)

प्रयागराज: महाकुंभ (Mahakumbh) से भगदड़ जैसी स्थिति के बाद अब हालात पूरी तरह सामान्य हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से बड़ी अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें।  प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर अखाड़ों का द्वितीय अमृत स्नान शुरू हो गया है। तड़के हुई भगदड़ की घटना के कारण स्नान विलम्ब से शुरू हुआ। 13 अखाड़ों  ने अमृत स्नान किया।

 

आप को बता दें कि तड़के संगम नोज पर भगदड़ मचने की घटना के कारण महाकुंभ का यह दूसरा अमृत स्नान देर से शुरू हुआ है। हालांकि अखाड़ों के साधुओं ने परंपरा के विपरीत कोई खास लाव—लश्कर के बिना संगम पर पहुंचकर स्नान शुरू किया।

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भगदड़ की वजह से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान को सुबह टाल दिया था। यह तय किया गया था कि भीड़ कम होने पर अखाड़ों के संत स्नान करेंगे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बुधवार को कहा था कि महाकुंभ में भगदड़ को देखते हुए संतों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान सुबह टाल दिया था, लेकिन भीड़ कम होने पर अखाड़े अमृत स्नान करने का फैसला लिया।

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गौरतलब है कि बुधवार को तड़के संगम नोज पर बैरियर टूटने से भगदड़ मच गई थी, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए और उनका इलाज मेला क्षेत्र में बने अस्पताल में चल रहा है। इसके पूर्व, सुबह सभी संत महात्माओं के लिए सिंहासन लगा था और नागा सन्यासियों सहित सभी संत महात्मा स्नान के लिए तैयार थे लेकिन भगदड़ की घटना के बारे में सुनकर अखाड़ा परिषद ने जनहित में अमृत स्नान टालने का निर्णय किया था।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ के बाद अखाड़ों द्वारा मौनी अमावस्या का अमृत स्नान किए जाने के बारे में लखनऊ में कहा, ''अखाड़ा परिषद से जुड़े हुए पदाधिकारियों के साथ मैंने खुद भी बातचीत की है। आचार्य, महामंडलेश्वरों और पूज्य संतों के साथ भी बातचीत हुई है और उन्होंने बड़ी ही विनम्रता के साथ कहा है कि श्रद्धालु जन पहले स्नान करेंगे और फिर जब उनका दबाव कुछ कम होगा और वे सकुशल वहां से निकल जाएंगे तब हम लोग स्नान करने के लिए संगम की तरफ जाएंगे।'' हर 12 वर्ष पर आयोजित होने वाला महाकुंभ संगम नगरी प्रयागराज में पिछली 13 जनवरी को शुरू हुआ था, जो 26 फरवरी तक चलेगा। मेले की मेजबानी कर रही उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम में कुल 40 करोड़ तीर्थयात्री आएंगे। 


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Content Writer

Ramkesh

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