स्मृति ईरानी बोलीं- अमेठी की जनता को नहीं समझा वोट बैंक

punjabkesari.in Sunday, Sep 01, 2019 - 12:26 PM (IST)

अमेठीः कांग्रेस के गढ़ अमेठी से पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनी सफलता का राज बताया है। उन्होंने कहा कि 2014 में अमेठी से हारने के बाद मैंने वहां के लोगों को अकेले नहीं छोड़ा। मैं वहां जीतने के लिए नहीं बल्कि अपनी बात रखने के लिए रुकी रही। शायद मुझे जीत इसलिए मिली क्योंकि मैंने अमेठी की जनता को वोट बैंक नहीं समझा।

स्मृति ने कहा कि अमेठी की बात आने पर मुझे कुछ भी मजाक नहीं लगता। 2014 में मैंने लोगों को मिट्टी से अनाज चुनते हुए देखा है। जब लोगों के पास खाने को ना हो और बतौर नेता आप उनके कंधे पर खड़े होकर प्रधानमंत्री बन जाएं, मुझे इससे चैन नहीं पड़ता। ईरानी से सवाल किया गया कि 5 साल पहले 2014 में चुनाव हारने के बाद वह 2019 में कैसे जीत गईं। उन्होंने कहा, 2014 में मुझे मिले वोट इसका संकेत थे कि लोगों को मदद की जरुरत है। मैं उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी। मैं वहां जीतने के लिए नहीं रूकी थी। मैं संभवत: इसलिए जीत गई क्योंकि 5 साल में कभी भी मैंने अमेठी के लोगों को अपना वोट बैंक नहीं समझा। मैं उनसे अपने साथी या परिवार के सदस्य के रूप में जुड़ी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह अमेठी के 25 लाख लोगों के सामने खड़ी चुनौतियों का हल खोजना चाहती हैं। 2019 में अमेठी से टिकट मिलने की कोई गारंटी नहीं होने के बावजूद मैं 5 साल तक वहां रूकीं और लोगों के साथ मिलकर काम करती रहीं क्योंकि मैं ऐसी ही राजनीति में विश्वास करती हूं।


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Deepika Rajput

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