सपा-बसपा गठबंधन पर शनिवार को लग सकती है मुहर, राजनीतिक सरगर्मियां तेज

punjabkesari.in Friday, Jan 11, 2019 - 02:09 PM (IST)

लखनऊः शुभ दिन का इंतजार किए बिना बहुप्रतीक्षित, बहुजन समाज पार्टी(बसपा), समाजवादी पार्टी(सपा) तथा अन्य छोटे दलों के बीच महागठबंधन की घोषणा शनिवार को की जाएगी। इन खबरो से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। पार्टी सूत्रों ने इससे पहले बताया था कि माघ महीने पहले दिन 15 जनवरी को मकरसंक्रांति के दिन महागठबंधन की घोषणा की जाएगी। 15 जनवरी को प्रयागराज में कुंभ में पहला शाही स्नान होगा। उसी दिन बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव अपना जन्मदिन मनाएंगी। दोनों बड़े दलों बसपा तथा सपा के नेताओं ने शनिवार को लखनऊ में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन भी बुलाया है जिसमें मायावती और अखिलेश यादव मौजूद रहेंगे। उम्मीद की जा रही है कि दोनों नेता महागठबंधन की घोषणा करेंगे। 
PunjabKesari
सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी और बसपा के महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने संयुक्त बयान जारी कर  बताया कि संवाददाता सम्मेलन को अखिलेश और मायावती संबोधित करेंगी। इससे पहले दोनों पार्टियों के नेता शुक्रवार शाम को लखनऊ में मुलाकात करेंगे। मायावती नई दिल्ली से गुरूवार शाम को लखनऊ पहुंच गई हैं। बसपा और सपा सूत्रों के अनुसार दोनों पार्टियां 37-37 बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) और अन्य क्षेत्रीय दलों के लिए छह सीटें बची रहेंगी। महागठबंधन कांग्रेस के लिए रायबरेली और अमेठी सीट भी छोड़ेगा।  सूत्रों ने बताया कि शनिवार को महागठबंधन की घोषणा के साथ ही राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष का चुनावी अभियान शुरू हो जाएगा। हालांकि, ऐसी अटकलें हैं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन के दो सहयोगी पार्टिया, प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी), और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाली अपना दल (सोनेलाल) महागठबंधन में शामिल हो सकती है। दोनों पार्टियों को एक एक सीट मिलेगी।
PunjabKesari
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। बसपा और सपा के एक साथ आने से सत्तारूढ़ भाजपा को कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है। इससे पहले महागठबंधन ने भाजपा को उसके गढ़ गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में हराया था।  वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में,भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को प्रदेश में 42.63 फीसदी वोट मिले थे। भाजपा सहयोगियों ने भी दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव में सपा ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी और उन्हें 22.35 प्रतिशत वोट हासिल किए थे जबकि बसपा का खाता नहीं खुल पाया था लेकिन पार्टी को वोट प्रतिशत 19.77 फीसदी रहा था। 
PunjabKesari
वर्ष 2017 में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 315 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा का वोट प्रतिशत 39. 7 रहा जो लोकसभा चुनाव ने तीन प्रतिशत कम था। सपा ने 22 प्रतिशत वोट पाकर 48 तथा बसपा ने 22. 2 प्रतिशत वोट पाकर 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सपा-बसपा का वोट प्रतिशत भाजपा को 2014 के लोकसभा तथा 2017 के राज्य विधानसभा चुनाव में मिले वोट प्रतिशत के बराबर था।  सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) अवैध खनन मामले में अखिलेश यादव से पूछताछ कर सकती है। इसलिए महागठबंधन की घोषणा करने की जल्दबाजी की गई है। हालांकि सपा के प्रमुख ने कहा है कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। उधर आगरा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि जांच किसी भी राजनीतिक दबाव में प्रभावित नहीं होगी। बसपा ने आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार राजनीतिक लाभ के लिए सीबीआई का दुरूपयोग कर रही है।

 

 

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Ruby

Recommended News

Related News

static