यूपी में Congress को 5 से ज्यादा सीट देने के मूड में नहीं सपा, पानी में उतरने से पहले ही डूब न जाए I.N.D.I.A. की नाव…VIDEO

punjabkesari.in Sunday, Oct 01, 2023 - 03:39 AM (IST)

UP Politics: उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. जमीन पर उतरने से पहले ही विवादों के जाल में फंसती दिख रही है… सबसे बड़ा पेंच सीट शेयरिंग को लेकर फंसने वाला है… एक तरफ I.N.D.I.A. की बैठकों में यूपी में विपक्ष का चेहरा अखिलेश यादव को बताया जा रहा है,तो दूसरी तरफ सहयोगी दलों के बीच सीटों को लेकर महाभारत छिड़ने के आसार साफ दिखने लगे हैं.... जहां अखिलेश यादव सीट शेयरिंग को लेकर खुलकर बोल रहे हैं... अखिलेश यादव ने यूपी में I.N.D.I.A. में अपने महत्व को साफ कर दिया है... उन्होंने साफ-साफ कहा है कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी I.N.D.I.A. से सीटें मांगेगी नहीं, बल्कि अपने सहयोगियों को सीटें देगी... यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की तर्ज पर समाजवादी पार्टी की कोशिश लोकसभा में तमाम राजनीतिक दलों को अपनी छत्रछाया में चुनाव लड़ाने की है... लेकिन शायद ही ये कांग्रेस को मंजूर हो... यही वजह है कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच एक मौन रस्साकसी चल रही है... इसको लेकर कहा जाने लगा है कि कहीं गठबंधन की नाव पानी में उतरने से पहले ही डूब न जाए...

दरअसल, लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाने लगे हैं... कांग्रेस ने तो एक प्रकार से समाजवादी पार्टी के कोर वोट बैंक में सेंधमारी की बात ही सीधे तौर पर करनी शुरू कर दी है... पार्टी नेताओं का दावा है कि प्रदेश में मुस्लिम समुदाय का वोट बैंक कांग्रेस को वोट करने वाला है... इस समुदाय का कांग्रेस के प्रति विश्वास बढ़ा है... ये विश्वास इस बार के चुनाव में दिखने वाला है.... कांग्रेस पार्टी की ओर से दावों को समाजवादी पार्टी अपने ऊपर हमला मान रही है... दरअसल, हालिया चुनावों में मुस्लिम वोट बैंक ने एकमुश्त समाजवादी पार्टी को वोट दिया है... पार्टी इसे अपना कोर वोट बैंक मानती रही है... मुलायम सिंह यादव के समाजवादी पार्टी गठन के बाद से मुस्लिम-यादव समीकरण क्षेत्र में प्रभावी रहा है....

लेकिन वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अब मुस्लिम वोट बैंक का अपने ऊपर विश्वास बढ़ने की बात कर रही है.... तो सपा नेताओं का कहना है कि क्या हमसे वोट बैंक का विश्वास कम हुआ है? इस प्रकार के सवालों ने गठबंधन में अविश्वास की स्थिति पैदा करनी शुरू कर दी है... एक तरफ अखिलेश पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक फ्रंट के जरिए इस बार के चुनाव में बड़ी जीत का दावा कर रहे हैं... वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अल्पसंख्यक वोट बैंक का विश्वास अपने ऊपर बढ़ने का दावा कर चुनावों में अलग रणनीति के साथ उतरने की तैयारी में है....

यूपी में I.N.D.I.A. के सहयोगी दलों की आकांक्षाएं काफी बड़ी हैं… दावे भी उसी हिसाब से बड़े हैं…. कांग्रेस पार्टी की ओर से पिछले दिनों सभी 80 सीटों पर तैयारी पुख्ता होने का दावा किया गया… दरअसल पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने एक कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी... इस बार कांग्रेस साल 2009 के लोकसभा चुनाव की तर्ज पर 20 से अधिक सीटों पर जीत का दावा करती दिख रही है... पार्टी के सीनियर नेता भी कम से कम 25 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं.... गठबंधन में टकराव बढ़ने की स्थिति में पार्टी 20 सीटों तक पर मान सकती है, लेकिन इससे कम पर पार्टी मानने को तैयार होती नहीं दिख रही है.... वहीं कांग्रेस की नजर लोकसभा चुनाव 2019 के सपा-बसपा गठबंधन पर है....दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में सपा-बसपा गठबंधन में बसपा बड़ी भूमिका में थी… इस चुनाव में बसपा ने 38 और सपा ने 37 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे… 5 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई थी… कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि सपा के लिए 2019 से स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है… विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव की राजनीति अलग होती है…

लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के लिए रणनीति तैयार करने वाले सभी नेताओं का मानना है कि यूपी में कांग्रेस सिंगल डिजिट से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है… ऐसे में पार्टी की ओर से कांग्रेस को 5 से 6 सीटें ऑफर की जा सकती है… इसमें कांग्रेस की परंपरागत सीट रही रायबरेली और अमेठी भी शामिल हैं… इसके अलावा तीन से चार और सीटें सपा कांग्रेस को देगी… वहीं, पार्टी राष्ट्रीय लोक दल को भी चार से पांच सीटों दे सकती है… रालोद की ओर से पश्चिमी यूपी के तमाम जिलों में चुनावी तैयारी चल रही है… पार्टी हर हाल में 12 से 15 सीटों पर दावा कर रही है…. ऐसे में I.N.D.I.A. की गाड़ी सीट शेयरिंग के मामले में पटरी से उतरती दिख रही है....

हालांकि सपा और कांग्रेस के टॉप लीडरशिप की ओर से अभी तक इस बारे में कोई बयान नहीं आया है, लेकिन निचले स्तर पर एक संदेश खूब प्रचारित हो रहा है... अपने स्तर पर तैयारी पूरी रखने का संदेश कहा जा रहा है कि गठबंधन के लिए आगे की राह कठिन है... निश्चित रूप से ये अनुमान पार्टियों के कार्यकर्ताओं की ओर से लगाया जा रहा है... सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि कांग्रेस ने बसपा के साथ गठबंधन का रास्ता खुला रखा है... कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की टीम बसपा के संपर्क में है... अब सवाल बड़ा है कि क्या सिर्फ 6 सीटों पर ही कांग्रेस लोकसभा का चुनाव लड़ेगी... और अगर ऐसा होता है तो ये कही न कही कांग्रेस के लिए हार जैसी ही है... क्योंकि कांग्रेस की पकड़ दूसरे पार्टियों के मुकाबले अच्छी और INDIA गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी क्या यूपी में सिर्फ 6 सीट पर मान जाएगी...


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Mamta Yadav

Related News

static