न्यूड वीडियो कॉल के जाल में फंसा छात्र, डिप्रेशन में गया 16 साल का लड़का, ''कोम ऐप'' से ब्लैकमेलिंग करने वाले गैंग का सरगना गिरफ्तार
punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 08:26 AM (IST)

Agra News: उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के शाहगंज थाना क्षेत्र से एक साइबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां एक 16 साल के 11वीं के छात्र को 'न्यूड वीडियो कॉल' के बहाने फंसाकर ब्लैकमेल किया गया। छात्र इतना डर गया कि वह डिप्रेशन में चला गया और स्कूल जाना छोड़ दिया। परिजनों को जब इसका पता चला तो उन्होंने पुलिस से शिकायत की। मामले में पुलिस ने राजस्थान के भरतपुर निवासी अजय कुमार को गिरफ्तार किया है।
कैसे फंसा छात्र?
छात्र को सोशल मीडिया पर एक लिंक मिला, जिस पर क्लिक करने पर उसने एक ऐप डाउनलोड कर लिया। इस ऐप का नाम था 'कोम', जो प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है। ऐप में आकर्षक महिलाओं से वीडियो कॉल करने का झांसा दिया गया। छात्र ने न्यूड वीडियो कॉल की, जिसे गिरोह ने रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद ठगों ने वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पैसे की मांग शुरू कर दी।
डिप्रेशन में आ गया छात्र
छात्र धीरे-धीरे घर में चुपचाप रहने लगा और स्कूल जाना बंद कर दिया। कुछ दिनों बाद उसने सारी बात अपने पिता को बताई। पिता ने तुरंत शाहगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और बताया कि यह कोई संगठित गिरोह लग रहा है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने आईटी एक्ट और रंगदारी की धाराओं में मामला दर्ज किया। जांच में आरोपी अजय कुमार का नाम सामने आया, जो भरतपुर (राजस्थान) का रहने वाला है। वह आगरा के पथौली क्षेत्र में किराए के मकान में रहता था और ट्रैवल्स का काम करता था, लेकिन असल में वह इसी साइबर गैंग का हिस्सा था।
कैसे काम करता था गैंग?
अजय महिलाओं को कमीशन का लालच देकर इस गैंग से जोड़ता था। महिलाएं वीडियो कॉल में छात्रों को न्यूड होने के लिए उकसाती थीं और पीछे से वीडियो रिकॉर्ड किया जाता था। बाद में इन वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पैसे ऐंठे जाते थे। पुलिस ने अजय के पास से मोबाइल फोन और डिजिटल सबूत भी बरामद किए हैं।
एक महिला का नाम भी आया सामने
पुलिस की जांच में एक महिला ‘संजना’ का भी नाम सामने आया है। वह खुद को शाहगंज के पथौली इलाके की रहने वाली बताती थी। उसी ने छात्र से वीडियो कॉल की थी।
ऐप और मास्टरमाइंड की तलाश जारी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ‘कोम’ ऐप प्ले स्टोर पर नहीं है और संभवतः डार्क वेब या अवैध लिंक के जरिए फैलाया जा रहा है। पुलिस की साइबर सेल अब ऐप के संचालक और अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है। अजय को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है, जिससे गैंग के और राज खुलने की उम्मीद है।