स्वामी प्रसाद मौर्य का बड़ा हमला, कहा- इस बार 47 सीटों पर सिमट जाएगी BJP

punjabkesari.in Thursday, Feb 03, 2022 - 06:28 PM (IST)

लखनऊ: भाजपा छोड़कर हाल में समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि राज्य में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई वाले गठबंधन की लहर चल रही है और भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में 47 सीटों के आंकड़े तक सिमट जाएगी जो उसे 2012 के विधानसभा चुनाव में मिली थी। अपने दो मंत्रिमंडलीय सहयोगियों धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान के साथ सपा में शामिल हुए मौर्य को पिछड़ी जातियों का प्रभावशाली नेता माना जाता है। 

मौर्य ने दावा किया, "भाजपा वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के अपने आंकड़े पर फिर पहुंच जाएगी। सपा प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी और 10 मार्च के बाद भाजपा को पता चल जाएगा कि अन्य पिछड़ा वर्ग उसके साथ है या नहीं।" भाजपा को वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में 47 सीटें हासिल हुई थीं जबकि वर्ष 2017 के चुनाव में उसने 312 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। सपा की अगुवाई वाले गठबंधन की सरकार बनने पर उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर मौर्य ने कहा, "मैं विचारधारा के साथ गरीबों, दलितों और पिछड़े वर्गों के लिए काम कर रहा हूं, ना कि किसी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए।" 

इस सवाल पर कि क्या भविष्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का कोई नेता उप मुख्यमंत्री बनेगा, मौर्य ने कहा, "यह इस बात पर चर्चा करने का वक्त नहीं है कि कौन उपमुख्यमंत्री या कैबिनेट मंत्री होगा। चर्चा का विषय यह है कि उत्तर प्रदेश को कैसे भाजपा के शोषण से मुक्ति दिलाई जाए और इस पार्टी को सत्ता से बाहर कैसे किया जाए।" अपनी परंपरागत सीट पडरौना छोड़कर कुशीनगर जिले की ही फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे मौर्य शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। मौर्य ने इस बात से इनकार किया कि हाल में भाजपा में शामिल हुए पूर्व कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह की धमकी की वजह से उन्हें पडरौना सीट छोड़कर फाजिलनगर से लड़ना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, "वह क्या चुनाव लड़ेंगे।अगर वह चुनाव मैदान में उतरते हैं तो हमारा प्रत्याशी उन्हें हरा देगा।" 

आरपीएन सिंह और स्वामी प्रसाद मौर्य पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंदी हैं। मौर्य वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव कुशीनगर सीट से आरपीएन सिंह से हार चुके हैं। मौर्य वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। कुशीनगर में विधानसभा चुनाव के छठे चरण के तहत आगामी तीन मार्च को मतदान होगा। मौर्य ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, "यह पार्टी जो दावा करती है, ठीक उसके विपरीत काम करती है। भाजपा ने ‘सबका साथ सबका विकास' का नारा दिया था लेकिन उसने एक के बाद एक सभी को ध्वस्त कर दिया। उसके बाद उसने अपने इस नारे में ‘सबका विश्वास' जोड़ा लेकिन सबके साथ विश्वासघात किया। भाजपा अब ‘सबका प्रयास का नारा' दे रही है लेकिन वह सिर्फ अपने लोगों का उल्लू सीधा कर रही है।" पूर्व कैबिनेट मंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा राष्ट्रवाद का नारा देती है लेकिन असल में ‘80-20 जैसे नारे देकर देश और समाज में विभाजन के बीज बोती है।' 

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में कहा था कि 80 फीसदी लोग भाजपा के साथ हैं जबकि 20 प्रतिशत लोग हमेशा उसका विरोध करते हैं। उनके इस बयान को उत्तर प्रदेश में हिंदू और मुसलमानों की आबादी के प्रतिशत से जोड़कर देखा जा रहा है। किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए मौर्य ने कहा कि काश्तकारों को छुट्टा पशुओं से अपनी फसल बचाने के लिए कड़ाके की सर्दी भरी रातों में खुले आसमान के नीचे अपने खेतों की रखवाली करनी पड़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया, “भाजपा किसानों की हितैषी नहीं है। अगर होती तो वह विवादास्पद नए कृषि कानूनों को काफी पहले ही वापस ले लेती। चुनाव में हार के डर से उसने करीब एक साल बाद यह कानून वापस लिए।”


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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