स्वामी प्रसाद मौर्य को कोर्ट से झटका, FIR दर्ज कराने के आदेश से मचा हड़कंप - जानें पूरा मामला

punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 11:02 AM (IST)

Varanasi News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उनके खिलाफ 2023 में रामचरितमानस और तुलसीदास जी को लेकर दिए गए विवादित बयान के कारण FIR दर्ज करने का आदेश कोर्ट ने दिया है। यह मामला वाराणसी के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट में दर्ज किया गया था। वाराणसी के कैंट थाने में अब स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 156(3) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और थाना प्रभारी को जांच शुरू करने का आदेश दिया गया है।

विवादित बयान और FIR का आधार
बता दें कि 22 जनवरी 2023 को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मौर्य ने कहा था कि तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए रामचरितमानस लिखा और यह सब बकवास है। उन्होंने कहा था कि सरकार को इसे बैन कर देना चाहिए। इस बयान को लेकर विवाद पैदा हुआ था और अब इसी के आधार पर FIR दर्ज की जा रही है।

विवादित बयानों की वजह से बढ़ी मुश्किलें
स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। उन्होंने हिंदू, सनातन और ब्राह्मण समुदायों को लेकर भी कई विवादित बातें कही हैं। हाल ही में रायबरेली में उन पर एक हमले की भी घटना हुई थी। हमलावर ने कहा था कि वह मौर्य के ब्राह्मण और हिंदुओं के खिलाफ दिए गए बयान से नाराज था। हालांकि, मौर्य के समर्थकों ने हमलावर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।

कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट ने बीते गुरुवार को आदेश दिया कि वाराणसी के कैंट थाने में मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए और जांच शुरू की जाए। इससे मौर्य की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के काशी क्षेत्र उपाध्यक्ष और वकील अशोक कुमार ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र भी दाखिल किया था। अक्टूबर 2023 में यह प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया गया था, लेकिन बाद में रिवीजन दाखिल करने के बाद कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया। स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ यह मामला अब न्यायिक प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ रहा है, जिससे उनकी राजनीतिक और सामाजिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।
 


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Content Editor

Anil Kapoor

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