डॉक्टर के प्राइवेट प्रैक्टिस पर न्यायालय ने जताई चिंता, कहा- KGMU के डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस न करने के लिए मिलता है भत्ता

punjabkesari.in Thursday, Feb 09, 2023 - 12:27 PM (IST)

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने इस पर गंभीर चिंता जताई है कि केजीएमयू के एक प्रोफेसर डॉक्टर एके सचान शहर में ही निजी शेखर अस्पताल चलाते रहे हैं और राज्य के अधिकारी तथा केजीएमयू प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा है। यह आदेश पारित करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ ने कहा, “यह आश्चर्य में डालने वाली बात है कि राज्य के एक विश्वविद्यालय में काम कर रहा एक व्यक्ति एक निजी इकाई में निदेशक है और तलाशी के दौरान उसके खाते में भारी मात्रा में धन पाए जाने के बावजूद उसके नियोक्ता द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

PunjabKesari

पीठ ने यह आदेश प्रधान आयकर आयुक्त (केंद्रीय) द्वारा दायर एक कर याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया। आयकर आयुक्त की रिपोर्ट में डॉक्टर सचान के बारे में ये तथ्य उजागर हुए। प्रतिबंध के बावजूद प्राइवेट प्रैक्टिस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पीठ ने कहा, “यह अपेक्षा की जाती है कि संबंधित विश्वविद्यालय और राज्य सरकार, धड़ल्ले से प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे ऐसे व्यक्तियों की उचित जांच करेगी और उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई करेगी।

पीठ ने अपने रजिस्ट्रार को इस आदेश की एक प्रति प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) और केजीएमयू के कुलपति को भेजने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, “इस अदालत को बताया गया है कि किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करने के लिए भत्ता मिलता है और साथ ही उनके प्राइवेट प्रैक्टिस करने पर रोक है जिससे स्पष्ट है कि ये डॉक्टर यूनिवर्सिटी के अलावा कहीं और काम नहीं कर सकते।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Related News

Recommended News

static