लापरवाही की हद! सरकारी कर्मचारी की मौत के चार साल बाद तक बेटा लेता रहा पेंशन, जानिए कैसे खुली पोल
punjabkesari.in Friday, Mar 07, 2025 - 06:31 PM (IST)

देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद भी उसका बेटा उसके नाम से आने वाली पेंशन ले रहा था। जब इस बात का खुलासा हुआ तो विभागीय अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए।
जानिए पूरा मामला
दरअसल, गौरी बाजार विकासखंड निवासी हीरा राय ने डीएम को शिकायत की थी कि उनके पिता स्वर्गीय बद्रीनारायण राय के दो बेटे हीरा राय, मुनेश्वर राय- एक माँ से है जबकि तीसरा बेटा प्रकाश राय दूसरी मां से है। हीरा राय ने बताया कि उनकी मां की मृत्यु के बाद पिता ने दूसरी शादी की थी जिससे प्रकाश राय का जन्म हुआ है। उन्होंने आगे बताया कि- सन 1985 से ही हम तीनों भाई अलग-अलग रहने लगे लेकिन पिता जी सबसे छोटे भाई के साथ रहते थे। पिता जी प्राथमिक विद्यालय रसौली में सहायक अध्यापक थे और 18 नवम्बर 2020 को उनकी मृत्यु हो गयी। लेकिन पिता की मौत बाद भी विरासत में उनका नाम दर्ज नही हुआ। जब उन्होंने नाम दर्ज कराने की कोशिश की तो पता चला कि पिता के नाम से मृत प्रमाण पत्र हीं नहीं बना है।
मृत प्रमाण पत्र बनवाने पर हुआ खुलासा
हीरा राय ने बताया कि जब वह मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की के लिए ग्राम सचिव से संपर्क किया बाद में सचिव ने डेथ सर्टिफिकेट बनवाया लेकिन पंजाब नेश्नल बैंक में पता चला कि लगातार चार से पिताजी के खाते में पेंशन आ रही है और प्रकाश राय लगातार ATM कार्ड से पैसा निकालते जा रहे हैं। इसे बाद उसके होश उड़ गए।
ट्रेजरी दफ्तर के बाबुओं के मिलीभगत का आरोप
DM दिव्या मित्तल ने बताया कि इसमें यह व्यवस्था रहती है कि हर एक पेंशनर को अपना प्रति वर्ष जीवित प्रमाण पत्र देना रहता है ताकि उसकी पेंशन जारी रहे। ऐसे में यह बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा है कि एक मृत व्यक्ति को पेंशन मिलती रही। इसमें जो सर्टीफिकेट दाखिल होता है उसे सिग्नेचर फ्रोज करके बनाया गया है। कही न कही इसमें ट्रेजरी दफ्तर के बाबुओं की गलती है। उन्होंने कहा कि इस क्रम में शिकायत दर्ज कराई जा रही है। पटल सहायक को हटाते हुए उनके निदेशालय को लिखा जा रहा है और जो पैसा दिया गया है उसके लिए नोटिस दे दिया गया है। आरसी के माध्यम से पूरे पैसे की वसूली की जाएगी।
दोषी कर्मचिरियों के खिलाफ भी होगा एक्शन
जिलाधिकारी ने घटना को लेकर कहा कि येये बड़ी धोखाधड़ी की गई क्योंकि ट्रेजरी विभाग में प्रतिवर्ष पेंशन धारक को प्रस्तुत होकर जीवित प्रमाण पत्र दाखिल करना पड़ता है तब पेंशन बैंक खाते में ट्रांसफर होती है। इसे मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई जाएगी। और आर सी के माध्यम से पूरे पैसे की वसूली की जाएगी।