दहशतः पकडे गए ISI एजेंट की गली में मकानों पर लगे ताले, कार्रवाई से बचने के लिए घरों पर लिखा बिकाऊ है
punjabkesari.in Saturday, Aug 19, 2023 - 02:06 PM (IST)

शामली: उत्तर प्रदेश के शामली मे जिस गली से ISI एजेंट कलीम पकड़ा गया है, वहां लोगों में दहशत है। 10 घरों पर ताले हैं, और कई लोग कार्रवाई से बचने के लिए घर छोड़कर चले गए हैं। पिछले दिनों नकली नोटों के साथ पकड़े गए आरोपित के मकान के गेट पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिख दिया गया है और गलियों मे सन्नाटा पसरा हुआ है। माना जा रहा है कि यह सब पुलिसिया और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई से बचने का तरीका है।
कई घर ऐसे हैं, जिनमें केवल महिलाएं हैं...
बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली का है। जिस गली से ISI एजेंट कलीम पकड़ा गया था वहां गलियों में मकान बिकाऊ है के पोस्टर चस्पा कर दिए गए हैं। नकली नोटों की तस्करी के आरोप में फरार चल रहे लोगों ने अपने मकानों पर ‘बिकाऊ है’ लिख दिया है। वहीं कलीम के भाई तहसीम के मकान के सामने खाली पड़े प्लाट पर भी ‘बिकाऊ है’ लिखा हुआ है। माना जा रहा है कि यह सब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई से बचने का ही तरीका है। गुरुवार को ISI के एजेंट कलीम की गिरफ्तारी के बाद कई कार्रवाई के डर से और कई लोग बदनामी के डर से मकानों पर ताले लगाकर कहीं चले गए है। दोनों गली में करीब दस से 12 मकानों पर ताले लगे हुए है। मस्जिद वाली गली और बर्फखाने वाली मुख्य गली में सन्नाटा पसरा हुआ है। कई घर ऐसे हैं, जिनमें केवल महिलाएं हैं। मोहल्ला निवासी कुछ लोगों से बातचीत करने का प्रयास किया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। कोई भी कलीम और तहसीम के संबंध में कुछ नहीं बता रहा है।
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बागपत से शामली आया था कलीम का पूरा परिवार
साल 2000 में बागपत जिले के छपरौली से कुछ परिवार शामली आए थे, और नोकुआं रोड स्थित बर्फ खाने वाली गली में रहने लगे थे। इसके बाद परिवार बड़ा हुआ और कुछ लोगों ने कैराना और कांधला में भी मकान बना लिए। बर्फखाने वाली गली में ज्यादातर मकान एक ही कुनबे और उनके रिश्तेदारों के हैं। ज्यादातर लोग सब्जी, फलों की रेहड़ी लगाते हैं। 2003 के आसपास बर्फ खाने वाली गली निवासी महबूब (इमरान का पिता, जो तीन अगस्त को नकली नोटों के मामले में पकड़ा गया था) को पुलिस ने संदिग्ध गतिविधियों के चलते गिरफ्तार किया था। इसके बाद वह जमानत पर बाहर आया और पाकिस्तान में बैठे इकबाल काना से संपर्क बना लिया। वह कई मर्तबा रिश्तेदारों से मिलने के बहाने पाकिस्तान गया और इकबाल काना समेत कई लोगों के सहारे नकली नोटों का काम शुरू किया। उसने अपने लड़कों को भी इस काम में लगा लिया था। साल 2008 में कोतवाली पुलिस ने महबूब के बेटे इमरान को नकली नोट प्रकरण में जेल भेजा था। उस दौरान इमरान पर NSA के तहत भी कार्रवाई की गई थी। तब से ही लगातार बर्फखाने वाली गलियों में किसी न किसी राज्य की पुलिस छापेमारी करती रहती है। पिछले दिनों ISI के लिए कार्य करने वाले तहसीम पुत्र नफीस की गिरफ्तारी को पंजाब पुलिस ने भी दबिश दी थी।
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पाकिस्तान के लोगों से करता था चैट
पुलिस ने उक्त मामले में आरोपी के पास से जहां दो मोबाइल फोन, 5 ग्रुप व्हाट्सएप चैट की 5 प्रतिलिपि, 5 ग्रुप में उर्दू भाषा में लिखे प्रिंटेड पर की छायाप्रति लिपि, मौके से अन्य आरोपी से सहयोगी चीजे भी बरामद की है। पकड़े गए आरोपी कलीम जहां पाकिस्तान से आतंकवाद फैलाने, माहौल बिगाड़ने और पाकिस्तान की ISI में उनके हैंडलर से व्हाट्सएप पर बात की चैट के मैसेज के पुख्ता सबूत मिलने के बाद एसटीएफ ने उसके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपी के पास से एसटीएफ पुलिस को आर्मी के ऑफिसर जवानों के फोटो, राफेल के फोटो, अखंड भारत का फोटो और कुछ अखबारों की कटिंग के फोटो भी बरामद हुए हैं। आरोपी के फोन में पाकिस्तान स्थित लोगों के मोबाइल नंबरों का भी व्हाट्सएप चैट भेजना पाया गया है।