शाहजहांपुर के जलालाबाद का नया नाम अब परशुरामपुरी होगा! गृह मंत्रालय से यूपी सरकार को मिली NOC
punjabkesari.in Wednesday, Aug 20, 2025 - 05:21 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के जलालाबाद कस्बे का नाम परशुराम पूरी रखे जाने की मिली अनुमिति को लेकर केन्द्रिय मंत्री जितिन प्रसाद ने सीएम योगी और गृह मंत्री अमितशाह और सीएम योगी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट का कहा- हृदय से आभार, वंदन एवं अभिनंदन! आपके मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में आए इस निर्णय ने सम्पूर्ण सनातनी समाज को गर्व का क्षण प्रदान किया है। भगवान परशुराम जी के चरणों में कोटि-कोटि नमन! आपकी कृपा मात्र से ही इस पुनीत कार्य में निमित्त बन सका। आपकी कृपा दृष्टि संपूर्ण जगत पर बनी रहे।
स्थानीय स्तर पर नागरिकों में हर्ष का माहौल
आप को बता दें कि केंद्र सरकार के सचिव कुंदन कुमार ने मुख्य सचिव को पत्र भेज कर कहा है कि नाम बदलने को लेकर कोई आपत्ति नही है। सरकार की तरफ से एनओसी जारी किए जाने के बाद स्थानीय स्तर पर नागरिकों में हर्ष का माहौल है। सचिव कुंदन कुमार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की सिफारिश को देखते हुए उत्तरप्रदेश सरकार को नए नाम की वर्तनी देवनागरी (हिंदी), रोमन (अंग्रेजी) और क्षेत्रीय भाषाओं में लिखते हुए आवश्यक राजपत्र अधिसूचना जारी करना होगा।
नाम बदलने को लेकर हिन्दू संगठन कर रहा था मांग
गौरतलब है कि भगवान परशुराम की धरती जलालाबाद का नाम बदलने को लेकर स्थानीय स्तर पर हिन्दू संगठन लगातार मांग करते आ रहे हैं। हिन्दू संगठनों की मांग पर जून 2025 के दौरान प्रदेश के प्रमुख सचिव ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव को पत्र भेजकर नाम परिवर्तन की स्वीकृति शीघ्र देने की अपेक्षा की थी, ताकि इससे संबंधित कार्य आगे बढ़ाया जा सके। प्रमुख सचिव की ओर से केंद्रीय गृह सचिव को भेजे पत्र में कहा गया था कि जलालाबाद भगवान परशुराम की जन्मस्थली है।
केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने उठाई थी मांग
वहां भगवान परशुराम का काफी पुराना ऐतिहासिक मंदिर भी है इसलिए जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी रखे जाने की मांग की जाती रही है। नगर पालिका परिषद ने मार्च 2018 व सितंबर 2023 में इस मांग के प्रस्ताव बोडर् बैठक में भी पारित किए। अप्रैल में शाहजहांपुर के डीएम ने बोडर् की बैठक में पारित प्रस्ताव संलग्न कर नाम परिवर्तन को अपनी संस्तुति सहित पत्र शासन को भेजा था। दूसरे केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने बीते अप्रैल में ही लोगों की आस्था को देखते हुए नगर का नाम परशुरामपुरी घोषित किए जाने की मांग शासन से की थी।