हसीरुन निशा और भरतलाल की प्रेम कहानी लाेगाें में बनी चर्चा का विषय

punjabkesari.in Friday, Feb 28, 2020 - 05:07 PM (IST)

रायबरेलीः कहते हैं कि ‘प्रेम’ ही दुनिया में एक ऐसा शब्द है जो किसी भी तरह की बंधन को नहीं मानता है। यहां जात-पात, ऊंच नीच, मजहब किसी से कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे में उत्तर प्रदेश की रायबरेली में एक अनोखा प्रेम विवाह देखने को मिला। जहां 20 साल लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले दो अलग मजहब के भरत लाल और हसीरुन निशा ने शादी कर ली।

मोहब्बत में धर्म न आए आड़े इसलिए हसीरुन बनी मालती
बता दें कि मामला ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के प्रयागपुर नंदौरा गांव का है। जहां भरत लाल व हसीरुन निशा का मजहब भले ही अलग-अलग था मगर मोहब्बत ने इनके मजहब को एक कर दिया। दोनों की मोहब्बत में धर्म आड़े न आए, इसके लिए हसीरुन ने अपना नाम भी बदल लिया व शादी के बाद हसीरुन निशा अब मालती के नाम से पहचानी जाएंगी। गुरुवार रात हसीरुन और भरत ने हिन्दू रीति-रिवाजों के तहत शादी कर ली। इस समारोह में गांववालों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया व वर वधू को आशीर्वाद दिया।

20 साल पहले एक-दूजे से हुआ था प्यार, तभी से हैं साथ
गांव के निवासी भरत लाल एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। वहीं 20 साल पहले उनको हसीरुन निशा से प्यार हो गया। समय के साथ दोनों साथ ही लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे। 20 साल साथ रहने के बाद अपनी मुहब्बत को मुक्कमल किया।

इन दोनों ने उम्र के इस पड़ाव पर शादी करने का निर्णय लिया और गांव वालों ने भी उनका भरपूर सहयोग करते हुए दोनों की हिन्दू रीति-रिवाज से शादी करा दी। इन दोनों की शादी की चर्चा आसपास के लोगों के लिए एक मिसाल बन गई और उन्होंने इस समारोह को यादगार बनाने में कोई कोर कसर नहीं रख छोड़ा। ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि जब प्रेम की भाषा चलती है तब न तो दंगे होते हैं और न ही फसाद। देश में जब माहौल खराब है तब हसीरुन और भरत की शादी एक अनोखा उदाहरण बनकर सामने आई है।


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Ajay kumar

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