Unnao Rape Case: पूर्व भाजपा MLA कुलदीप सेंगर को मिली अंतरिम जमानत, जानिए क्या बोली पीड़िता?

punjabkesari.in Thursday, Jan 19, 2023 - 04:11 PM (IST)

नई दिल्ली/ लखनऊ: दिल्ली उच्च न्यायालय (High Court) ने उन्नाव बलात्कार (Unnao Rape Case) पीड़िता के पिता (Father) की हिरासत में मौत (Death) के मामले में 10 साल की कैद की सजा (Punishment) काट रहे कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को अपनी बेटी (Daughter) की शादी में शामिल होने के लिए गुरुवार को अंतरिम जमानत दे दी। सेंगर (Kuldeep Sengar) को भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) पहले ही निष्कासित (Expelled) कर चुकी है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने 27 जनवरी से 10 फरवरी तक सजा को निलंबित कर दिया और कहा कि उच्च न्यायालय (High Court) की एक खंडपीठ ने पहले ही सेंगर को अंतरिम राहत दे दी है और पर्याप्त शर्तें लगाई गई हैं।

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पीड़िता की बहन ने अंतरिम जमानत के लिए दायर याचिका का किया विरोध
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 2017 में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार करने के मामले में 16 जनवरी को कुलदीप सिंह सेंगर को अंतरिम जमानत दे चुका है। सेंगर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी. के. दुबे और वकील कन्हैया सिंघल ने अदालत को बताया कि शादी की रस्में व कार्यक्रम गोरखपुर और लखनऊ में किए जाएंगे। परिवार का पुरुष सदस्य होने के कारण उन्हें तैयारियां करनी हैं। सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद पीड़िता की बहन ने अंतरिम जमानत के लिए दायर याचिका का विरोध किया। सेंगर को अंतरिम जमानत मिलने के बाद पीड़िता ने भी खुद को परिवार सहित असुरक्षित बताया।

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सेंगर ने 2017 में लड़की का अपहरण कर उसके साथ किया था दुष्कर्म
अदालत को बताया गया कि नेता की बेटी का सगन 18 जनवरी को था और शादी 8 फरवरी को होनी है। सेंगर की उन्नाव बलात्कार मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है। उन्होंने निचली अदालत के 16 दिसंबर, 2019 के फैसले को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया था। सेंगर ने 20 दिसंबर 2019 के उस आदेश को रद्द करने की भी मांग की है, जिसमें उन्हें ताउम्र कारावास की सजा सुनाई गई थी। सेंगर ने 2017 में लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था। तब वह नाबालिग थी। उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त 2019 को सुनाए आदेश के बाद उत्तर प्रदेश की निचली अदालत से मामला दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था।


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Content Editor

Anil Kapoor

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