UP सरकार का दावा- ‘आलू के लिये अभी भी कोल्ड स्टोरेज में है पर्याप्त जगह’

punjabkesari.in Sunday, Mar 12, 2023 - 07:35 PM (IST)

लखनऊ: आलू भंडारण (Potato storage) को लेकर विपक्ष विशेषकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के आरोपों को दरकिनार करते हुये उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने दावा (Claim) किया है कि आलू उत्पादन के मामले में देश (Country) में अव्वल उत्तर प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज (Cold storage) में कुल क्षमता का 55 फीसदी ही आलू का भंडारण हुआ है और 45 फीसदी जगह अभी भी आलू उत्पादकों के लिये खाली पड़ी है।
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योगी सरकार के अथक प्रयास से आलू के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में वृद्धि हुई
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने रविवार को जारी बयान में कहा कि देश के कुल उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत आलू का उत्पादन उत्तर प्रदेश में उत्पादित होता है। वर्ष 2017 से पूर्व आलू का क्षेत्रफल 6.14 लाख हेक्टेयर तथा उत्पादन 155.43 लाख मीट्रिक टन था, प्रदेश सरकार के अथक प्रयास से आलू के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में वृद्धि हुई। प्रदेश में इस वर्ष लगभग 6.94 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू के आच्छादन के सापेक्ष लगभग 242.93 लाख मीट्रिक टन उत्पादन सम्भावित है।
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आलू किसानों पर भाजपा का राज कहर बनकर टूटा है: अखिलेश
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के चलते अन्नदाता का हर कदम पर शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन दिनों आलू किसानों पर भाजपा का राज कहर बनकर टूटा है। बदहाल आलू किसान होली पर भी अपनी फसल कोल्ड स्टोर में रखने के लिए कतार में जूझते रहे। आलू किसान को फसल के कम दाम मिल रहे हैं जबकि लागत बढ़ रही है। किसान मायूसी और परेशानी में जी रहा है। यादव ने कहा कि उनकी पार्टी यह मांग करती रही है कि किसानो को उनकी हर फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिलना चाहिए। भाजपा सरकार किसानों के हितों की संरक्षक बनने के बजाय पूंजीघरानो को संरक्षण देती है। धान, गेहूं के क्रय केन्द्रों में अव्यवस्था रहती है, बहुराष्ट्रीय कंपनियां किसानों की फसल औने पौने दाम पर खरीद लेती है। किसान मजबूरी में बेचे नहीं तो क्या करें।
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650 रूपये प्रति कुंतल दर से आलू खरीद रही सरकार
भाजपा ने आलू किसानों से खरीद एमएसपी पर करने के बजाय राहत के तौर पर 650 रूपये प्रति कुंतल आलू की खरीद के दाम तय किए हैं। ट्रैक्टर ट्राली के भाडे़ से लेकर खाद, दवा, सिचाई, टोकनमनी और स्टोर चार्जेज के अलावा किसान के श्रम को भी जोड़ दिया जाए तो आलू कम से कम 1500 रूपये प्रति कुंतल की दर से खरीदा जाना चाहिए। इन दिनों बाराबंकी में 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल से आलू की बंपर उपज हुई है। किसान को न तो वाजिब दाम मिल रहे हैं और नहीं आलू भंडारण का सही इंतजाम है। किसान की रात कोल्ड स्टोरेज के बाहर बीत रही है। टोकन के बाद भी तय समय पर आलू उतरवाया नहीं जाता है। किसान कहां फरियाद करे। भाजपा सरकार ने किसानों की उपेक्षा करते हुए खेती को पूरी तरह से बर्बाद और अलाभकारी बना दिया है। घाटे में डूबा किसान कैसे अगली फसल की बुवाई के बारे में सोचेगा।
 


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Content Writer

Mamta Yadav

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