UP News: शादी में अगर बजे डीजे व बैंडबाजे तो नही पढ़ाएंगे निकाह, उलेमाओं ने दी सख्त हिदायत
punjabkesari.in Sunday, Dec 10, 2023 - 04:10 PM (IST)

कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर देहात के मुस्लिम वर्ग की शादी में बैंड बाजा और डीजे की धुन पर थिरकने वाले लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।उलेमाओ के द्घारा सर्वसम्मति से लिए गए इस फैसले मे बैंड-बाजा और डीजे पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। इसके बावुजूद अगर कोई बात नहीं मानता है तो उसके निकाह मे कोई उलेमा शामिल नहीं होगा।
उलेमाओं का कहना है कि नियम का पालन न करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। कस्बे के आरामशाह बाबा की दरगाह में कस्बे के नई जामा मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना अनीसुर्रहमान साहब, नूरी जामा मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना सैय्यद अजमत अली, नई बस्ती जामा मस्जिद के पेश ईमाम मुफ्ती हाशिम साहब व पुरानी जामा मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना नियामत उल्ला साहब ने कस्बे के मुस्लिम वर्ग के सम्भ्रांत लोगों के साथ बैठक करते हुए कहा कि फिजूल खर्ची रोकने के लिए शादी व निकाह के दौरान बैंड बाजे और डीजे पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाएगा।उन्होंने कहा कि जो अपनी शादी में बैंडबाजा व डीजे बजाएगा तो मौलाना उसका निकाह नहीं पढ़ाएंगे और इसके बावजूद भी अगर कोई हठधर्मी दिखाते हुए अपनी शादी में बैंड बाजा व डीजे करेगा तो फिर उस परिवार के जनाजे में भी मौलाना शिरकत नहीं करेंगे और जनाजे की नमाज भी नहीं पढ़ाई जाएगी।
उलेमाओं ने कहा कि जो शादी मे डीजे व बैंडबाजे करके फिजूल खर्ची की जाती है। उसके बदले वही पैसा मदरसों व मौलवियों पर खर्च किए जाए ताकि मदरसो मे पढ़ने बाले बच्चों मे दीनी तालीम हासिल हो। नाच गाने से कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। इसकी इजाजत शरीयत भी नहीं देती है। उन्होंने कहा कि शादी के नाम पर गैर शरई कामों को अंजाम दिया जा रहा है। लड़की वालों से दहेज की मांग की जा रही है। दहेज की नुमाईश की जा रही है। इसे किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होने कहा कि अल्लाह के रसूल ने निकाह को आसान करने का हुक्म दिया है। डीजे, ढोल-बाजे और आतिशबाजी इस्लाम मे नाजायज और हराम करार दिया है। उलेमाओ के इस फैसले की सभी लोगों ने सराहना की है।