UP Weather Update: अगले 48 घंटों में यूपी में चक्रवाती तूफान ‘यागी’ मचाएगा कहर! 20 जिलों में मूसलाधार बारिश का अलर्ट; कई जिलों में 8वीं तक के स्कूल बंद
punjabkesari.in Thursday, Sep 19, 2024 - 12:32 AM (IST)
Lucknow News, (अनिल कुमार सैनी): बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ‘यागी’ का असर अब उत्तर प्रदेश के मौसम पर भी पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 48 अगले घंटे प्रदेश के लिए संकट से भरा हैं। इस दौरान 20 से अधिक जिलों में मूसलाधार बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए प्रयागराज, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, सोनभद्र, बहराइच, चित्रकूट, हमीरपुर समेत अन्य जिलों में कक्षा 1 से आठवीं तक के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो से तीन दिन तक भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। जिन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है उसमें प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, रायबरेली, चित्रकूट, कानपुर, कानपुर देहात, अमेठी, सुल्तानपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर, बांदा, मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर और रामपुर शामिल हैं। इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। जिसे देखते हुए स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है।
इन जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की संभावना
मौसम विभाग ने राजधानी लखनऊ समेत बाराबंकी, अयोध्या, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कन्नौज, भदोही, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, प्रतापगढ़, चंदौली, मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर और रामपुर जिले के आस पास गरज चमक के साथ वज्रपात की सम्भावना व्यक्त की गई है।
पूर्वांचल में 50 गांव बाढ़ की चपेट में
मूसलाधार बारिश की वजह से पूर्वांचल के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालत हैं। सोनभद्र, मऊ, गाजीपुर में 50 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सोनभद्र में पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है, जिसके बाद रिहन्द और ओबरा डैम के गेट खोलने पड़े। घंघरौल और नगवां बांध से भी पानी को छोड़ा गया जिससे कर्मनाशा नदी उफान पर है। चंदौली जिले में भी बारिश और बाढ़ की दोहरी मार देखने को मिल रही है। लगातार हो रही बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से गंगा नदी उफान पर है। जिले में गंगा नदी चेतावनी बिंदु से 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही, जिसकी वजह से बलुआ और पड़ाव के श्मशान घात डूब गए हैं. कई गांवों में भी पानी घुस गया है।