एटा फर्जी एनकाउंटर में 16 साल बाद आया फैसला, 5 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद

punjabkesari.in Thursday, Dec 22, 2022 - 11:34 AM (IST)

एटा: यूपी के एटा में एक फर्जी एनकाउंटर में अदालत ने 9 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है। दरअसल, इस एनकाउंटर में पुलिसकर्मियों ने एक शख्स की हत्या कर दी थी। अब इस मामले में 16 साल बाद गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने मामले में 9 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया। सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।
PunjabKesari
इस मामले में अदालत ने 5 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनके नाम हैं, पवन सिंह, श्रीपाल ठेनुआ, सरनाम सिंह, राजेंद्र प्रसाद और मोहकम सिंह। इन पर हत्या और साक्ष्य छुपाने का दोषी करार दिया है। कोर्ट ने इनपर 33-33 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं 4 पुलिसकर्मियों को 5-5 साल की अदालत ने सजा सुनाई है। इनमें बलदेव प्रसाद, अवधेश रावत, अजय कुमार और सुमेर सिंह शामिल हैं। इन पर साक्ष्य मिटाने और कॉमन इंटेंशन का दोषी करार दिया है। कोर्ट ने इनपर 11-11 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। एनकाउंटर में शामिल रहे एक सब इंस्पेक्टर की पहले ही मौत हो चुकी है।
PunjabKesari
साल 2006 में एटा जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र में एनकाउंटर हुआ था। इसमें पुलिस ने पेशे से बढ़ई को बदमाश दिखाकर उसका एनकाउंटर कर दिया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने इस मामले में जांच शुरू की थी। सीबीआई  की स्पेशल कोर्ट में आज सजा पर बहस होगी। पुलिस ने बताया था कि पेशे से बढ़ई राजाराम एक डकैत था। इस मामले में राजाराम की पत्नी ने सवाल उठाए थे और आरोप लगाया था कि उनके पति राजाराम को पुलिस ने झूठे फर्जी एनकाउंटर में मार दिया है। मामले में मृतक की पत्नी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जून 2007 में मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, तब से इस मामले में कोर्ट में सीबीआई ने तमाम एकत्रित सबूत पेश किए थे।

इस मामले में CBI ने एक जून 2007 को केस दर्ज किया और जांच करके 22 जून 2009 में 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। इसकी सुनवाई गाजियाबाद की CBI अदालत में हुई। CBI अदालत में 4 दिसंबर 2015 को ये केस ट्रायल पर आया। इस फेक एनकाउंटर केस में कुल 202 गवाह अदालत में पेश हुए। सुनवाई के दौरान 10 में से 1 पुलिसकर्मी सब इंस्पेक्टर अजंट सिंह की मृत्यु हो चुकी है। CBI की अदालत ने बीते मंगलवार को शेष जीवित 9 पुलिसकर्मियों को हत्या और साक्ष्य मिटाने का दोषी करार दिया। 

दालत के फैसले से संतुष्ट हैं मृतक का परिवार 
राजाराम के परिवार वालों ने अदालत के फैसले का सम्मान किया है। साथ ही यह भी कहा कि हमें तो दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की उम्मीद थी। परिजनों ने कहा कि जो हमारे साथ हुआ और किसी के साथ न हो। राजाराम के बड़े पुत्र मोहित ने बताया कि हम लोगों को पुलिसवालों को दोषी ठहराए जाने की जानकारी तक नहीं थी। बुधवार को अखबार में खबर पड़ी तो पता लगा। इसके बाद फैसले पर नजर रखे थे। हमें उम्मीद थी कि इस अमानवीय हत्याकांड के लिए सभी पुलिसकर्मियों को फांसी की सजा दी जाएगी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ, लेकिन अदालत के फैसले से संतुष्ट हैं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tamanna Bhardwaj

Recommended News

Related News

static