...तो 22 साल पहले विकास दुबे-CO देवेंद्र मिश्रा की दुश्मनी का नतीजा था 'कानपुर एनकाउंटर'

punjabkesari.in Sunday, Jul 12, 2020 - 05:22 PM (IST)

कानपुरः कानपुर में 2-3 जुलाई की रात को हुआ एनकाउंटर एक अचानक हुई घटना ही नहीं थी बल्कि 22 साल पुरानी रंजिश का भी असर था। कानपुर एनकाउंटर में बड़ी बात निकल कर सामने आ रही है कि अपराधी विकास दुबे और शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा 22 साल पहले भी आमने-सामने आए थे। दोनों की तरफ से फायर किए गए, लेकिन वह मिस हो गए। इस रंजिश का सबूत विकास कबूलनामा है। जिसमें उसने सीओ से दुश्मनी होने की बात कबूली है।

बताया जा रहा है कि 1998 में विकास दुबे बिकरू गांव का प्रधान था। उस समय विकास दुबे को कल्यानपुर थाने की पुलिस ने स्मैक की 30 पुड़ियां के साथ गिरफ्तार किया था। विकास को जब थाने लाया गया ताे वह तत्कालीन थानाध्यक्ष हरिमोहन यादव से भिड़ गया। पुलिसवालों ने चुप कराने की कोशिश की तो वह गाली-गलौज करना लगा। देवेंद्र मिश्र उस वक्त कल्यानपुर में सिपाही थे। देवेंद्र को विकास दुबे की बदसलूकी बर्दाश्त नहीं हुई। उन्होंने बेंत से विकास की जमकर पिटाई की और हवालात में बंद कर दिया। तब विकास ने देवेंद्र मिश्र को देख लेने की धमकी दी थी।

कहा जाता है कि उस समय के बसपा विधायक और अब के भाजपा विधायक के अलावा पूर्व सांसद विकास दुबे की पैरवी करने के लिए थाने पहुंच गए थे। जब पुलिस ने दोनों की बात नहीं मानी तो बसपा नेता थाने में ही धरना देने लगे। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है विकास दुबे की राजनीति में भी सांठगांठ थी।

22 पुरानी दुश्मनी को विकास ने अपने कबूलनामे में भी कबूला है। उज्जैन पुलिस को दिए अपने कुबूलनामे में विकास ने माना था कि देवेंद्र मिश्रा की उससे नहीं बनती थी। हालांकि उसने कहा था कि देवेंद्र मिश्रा को उसने नहीं, उसके साथियों ने मारा था। विकास दुबे ने कबूलनामे में देवेंद्र मिश्रा से अनबन की बात मानी थी।


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Tamanna Bhardwaj

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