प्रेमानंद यूट्यूब संत, रामभद्राचार्य ने जो कहा, वह पूरी तरह सही,- प्रेमानंद महाराज विवाद पर परमहंस आचार्य का रिएक्शन

punjabkesari.in Thursday, Aug 28, 2025 - 12:58 PM (IST)

अयोध्या: वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज को लेकर जगद्गुरु रामभद्राचार्य की टिप्पणी के बाद अब कई संत आमने सामने हैं, कुछ संत रामभद्राचार्य का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ प्रेमानंद महाराज के समर्थन में उतर आएं है। इसी कड़ी अब अयोध्या के तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य उनके समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि वह रामभद्राचार्य के हर कथन का पूरा समर्थन करते हैं और प्रेमानंद महाराज को अपने बयान पर राधा रानी से क्षमा मांगनी चाहिए।

“राधा रानी का अपमान”
परमहंस आचार्य ने प्रेमानंद महाराज के उस कथन पर नाराजगी जताई जिसमें कहा गया था कि “100 में से केवल 2-4 कन्याएं ही पवित्र हैं। उन्होंने कहा-“कन्या स्वयं श्री का स्वरूप होती हैं, वे राधा रानी का प्रतीक हैं। शास्त्रों के अनुसार 10 वर्ष की आयु तक की बच्ची को ही कन्या कहा गया है। ऐसे में बड़े उम्र की महिलाओं को कन्या कहकर जो बयान प्रेमानंद ने दिया है, वह अशास्त्रीय और साधुता को कलंकित करने वाला है।”

“गलती मानने के बजाय घमंड”
परमहंस आचार्य ने कहा कि दुख की बात यह है कि प्रेमानंद महाराज ने अपनी गलती स्वीकार नहीं की। उनके अनुसार “अगर यह बात गलती से भी उनके मुख से निकल गई थी, तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए थी। लेकिन वह अपने घमंड में बयान पर अड़े हुए हैं।”

“रामभद्राचार्य सबसे बड़े आचार्य”
परमहंस आचार्य ने तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य को सनातन धर्म का सबसे बड़ा आचार्य बताया। उन्होंने कहा– “पूरी धरती पर उनका सम्मान है। हाल ही में महामहिम राष्ट्रपति से उन्हें विद्वानों का सबसे बड़ा सम्मान ‘ज्ञानपीठम’ प्राप्त हुआ है। वहीं, प्रेमानंद केवल यूट्यूब के संत हैं और उनकी प्रसिद्धि सोशल मीडिया से है।”

“अगर सिद्ध हैं तो श्लोक सुनाएं”
परमहंस आचार्य ने चुनौती दी कि यदि प्रेमानंद महाराज वास्तव में सिद्ध संत हैं तो वे एक शुद्ध संस्कृत श्लोक बोलकर सुना दें या फिर स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा बोले गए श्लोक का अर्थ समझा दें। उन्होंने कहा कि ऐसा संभव नहीं है क्योंकि “प्रेमानंद सिर्फ यूट्यूब के संत हैं और उनकी प्रसिद्धि वहीं तक सीमित है।”

 


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Content Writer

Ramkesh

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