जब अदालत सजा देती है तो स्वागत करते हैं,...अदालत सजा निलंबित करती है तो सवाल क्यों ?- सेंगर के समर्थन में बोले बृजभूषण शरण सिंह

punjabkesari.in Saturday, Dec 27, 2025 - 03:34 PM (IST)

लखनऊ: उन्नाव दुष्कर्म मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली न्यायालय ने जमानत दे दी है। साथ सजा को निलंबित कर दिया है। इसे लेकर अब खूब सियासत हो रही है। कुछ नेता इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं तो कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जब अदालत सजा देती है तब तो लोग स्वागत करते हैं, लेकिन जब वही अदालत सजा निलंबित करती है तो सवाल क्यों खड़े किए जाते हैं?

आजीवन कारावास की सजा काट रहे सेंगर की सजा निलंबित
आप को बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर से जुड़े उन्‍नाव दुष्‍कर्म मामले में  दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलट दिया और कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को निलंबित कर दिया है। दरअसल, उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए कि वह पहले ही सात साल और पांच महीने जेल में बिता चुके हैं, उन्नाव बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सेंगर की सजा 23 दिसंबर को निलंबित कर दी थी। सेंगर की सजा को उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म मामले में उनकी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने वाली उनकी अपील के लंबित रहने तक निलंबित रखा है। उन्होंने इस मामले में दिसंबर 2019 के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है।

 पीड़िता के पिता की हिरासत मौत मामले में सेंगर काट रहे सजा
हालांकि, वह जेल में ही रहेंगे क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में मृत्यु के मामले में भी 10 साल की सजा काट रहे हैं और उस मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है। कई शर्तें लगाते हुए, उच्च न्यायालय ने सेंगर को, जिसने पीड़िता का अपहरण और बलात्कार तब किया था जब वह नाबालिग थी, 15 लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि के तीन जमानत पेश करने का निर्देश दिया।

पीड़िता ने मांगी सुरक्षा
न्यायालय ने उन्हें दिल्ली में पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में न आने और उसे या उसकी मां को धमकी न देने का भी निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी। उन्नाव बलात्कार मामले ने 2018 में पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया था, जब सेंगर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे और बाद में उनको दोषी ठहराया गया था। पीड़िता और उसके परिवार ने मुकदमें की सुनवाई के दौरान बार-बार उत्पीड़न का आरोप लगाया था और सुरक्षा की मांग की थी। 


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Content Writer

Ramkesh

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