गंगा काट रही है तटबंध, गांव डूबने के डर से मंत्री के सामने रो पड़ा किसान — बोला, ''बचा लीजिए साहब, सब खत्म हो जाएगा!''

punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 11:47 AM (IST)

Bijnor News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में गंगा नदी की तेज धारा ने लोगों की नींद उड़ा दी है। गंगा बैराज के पास नदी के किनारे बना तटबंध तेजी से कट रहा है। अगर यह तटबंध टूट गया, तो दर्जनों गांव और खेत पानी में डूब सकते हैं।

तेज बहाव से कट रहा तटबंध
बीते कुछ दिनों से गंगा की धार इतनी तेज है कि तटबंध को लगातार काटती जा रही है। लोगों का कहना है कि पिछले चार दिनों से कटाव हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी पहले चुप बैठे रहे। अब तक करीब 500 मीटर लंबा तटबंध गंगा में समा चुका है। हालात इतने खराब हो गए कि शहर का एक हिस्सा और 12 से ज्यादा गांव डूबने के कगार पर हैं।

मंत्री के सामने ग्रामीणों की गुहार, एक ने पकड़ लिए पैर
स्थिति का जायजा लेने जब प्रदेश के कौशल विकास मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री कपिल देव अग्रवाल पहुंचे, तो वहां मौजूद ग्रामीणों ने उनके सामने रोकर मदद की मांग की। एक बुजुर्ग किसान तो इतना टूट गया कि उसने मंत्री के पैर पकड़ते हुए कहा कि मंत्री जी, बचा लीजिए... सब कुछ डूब जाएगा। हम बर्बाद हो जाएंगे। इस दौरान कई ग्रामीणों की आंखों में आंसू थे और वे बार-बार अधिकारियों की लापरवाही की शिकायत कर रहे थे।

मंत्री ने दिए सख्त आदेश
स्थिति को गंभीर देखते हुए मंत्री ने सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन को सख्त आदेश दिए हैं कि तटबंध को किसी भी कीमत पर टूटने से बचाया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जनहानि किसी भी हाल में नहीं होनी चाहिए। अब प्रशासन और ग्रामीण मिलकर तटबंध को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। बालू भरे बोरे, लकड़ी की बल्लियां और मिट्टी डालकर कटाव को रोका जा रहा है।

लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया
प्रशासन ने तटबंध के आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों को घर खाली करने का निर्देश दिया है। कई परिवारों ने घर छोड़ दिए हैं और गांव के ऊंचे स्थानों पर झोपड़ियां बनाकर रहने लगे हैं। लेकिन डर अब भी बना हुआ है, क्योंकि अगर तटबंध टूट गया तो घर, फसलें और मवेशी सब तबाह हो जाएंगे।

ग्रामीणों में गुस्सा और डर दोनों
लोगों का गुस्सा सिंचाई विभाग पर है, जिसे पहले ही इस खतरे का अंदाजा हो जाना चाहिए था। लेकिन अब, जब स्थिति बिगड़ चुकी है, तब जाकर हरकत में आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते बचाव कार्य शुरू हो जाता तो नुकसान इतना बड़ा नहीं होता।


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Content Editor

Anil Kapoor

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