UP Assembly Elections: क्या नोएडा में 36 साल के अंधविश्वास को तोड़ पाएंगे योगी आदित्यनाथ?
punjabkesari.in Saturday, Jan 22, 2022 - 12:41 PM (IST)

लखनऊः गौतमबुद्ध नगर जिले की उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अलग ही पहचान रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती का ये गृह जनपद है। वहीं यूपी की औद्योगिक राजधानी कहा जाने वाला नोएडा भी इसी शहर में शामिल है। इस जिले के तहत तीन विधानसभा सीटें आती हैं। गौतम बुद्ध नगर जिले के तहत जेवर, नोएडा और दादरी की तीन सीटें आती हैं। तीनों विधानसभा सीट पर दस फरवरी को मतदान होना है। आइए तीनों विधानसभा सीटों के अलग-अलग समीकरण पर डालते हैं एक नजर.....
गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर विधानसभा सीट पर 2017 में बीजेपी कैंडिडेट धीरेंद्र सिंह विधायक चुने गए थे। 2017 में बीजेपी कैंडिडेट धीरेन्द्र सिंह ने बीएसपी के उम्मीदवार वेदराम भाटी को 22 हजार 173 वोटों के मार्जिन से हराया था। अब बात करते हैं जेवर विधानसभा के जातिगत समीकरण की। 2022 के विधानसभा चुनाव में जेवर सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर धीरेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं बीएसपी ने नरेंद्र भाटी डाडा को जेवर से टिकट दिया है। सपा-रालोद गठबंधन से हां-ना करते करते अवतार सिंह भड़ाना ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर ही दिया है।
बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा ये मुकाबला
2017 के चुनाव में बीजेपी के धीरेंद्र सिंह को गुर्जर, ठाकुर और जाट वोटरों का सपोर्ट मिला था। लेकिन सपा-रालोद के गठबंधन और गुर्जर नेता अवतार सिंह भड़ाना के मैदान में आने के बाद बीजेपी के लिए ये मुकाबला आसान नहीं होगा। वहीं गौतम बुद्ध नगर जिले की नोएडा सीट पर 2017 में बीजेपी कैंडिडेट पंकज सिंह ने जीत हासिल की थी। पंकज सिंह ने समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट सुनील चौधरी को हराया था। नोएडा विधानसभा सीट राजनीति के लिहाज से रसूख वाली सीट कही जाती है। दिल्ली से सटे इलाकों वाली इस सीट पर विधायक पंकज सिंह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे हैं। नोएडा के बारे में एक अंधविश्वास भी लंबे समय से कायम है।
नोएडा में रहा है शहरी मतदाता का जोर
दरअसल ऐसा माना जाता है कि नोएडा में जो मुख्यमंत्री एक बार दौरे पर आ जाता है तो वह उत्तर प्रदेश की सत्ता में दोबारा नहीं लौट पाता है। 36 साल से भी ज्यादा समय से कायम इस अंधविश्वास की अग्निपरीक्षा भी 2022 के चुनाव में होना है। क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां एक बार दौरा कर चुके हैं। अगर वे सत्ता में वापस नहीं लौटते हैं तो ये अंधविश्वास एक बार फिर से जड़ जमा लेगा। नोएडा में शहरी मतदाता का जोर रहा है। यहां 2012 के चुनाव से बीजेपी जीतती आ रही है। एक बार फिर यहां से बीजेपी ने पंकज सिंह को टिकट दिया है। वहीं बसपा ने यहां से कृपाराम शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने यहां से पंखुड़ी पाठक को टिकट दिया है। अब चुनावी नतीजों से ही पता चलेगा कि यहां बीजेपी जीत का सिलसिला कायम रख पाएगा या नहीं।
गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी सीट पर 2017 में तेजपाल सिंह नागर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। उन्होंने बसपा के सतवीर सिंह गुर्जर को हराया था। दादरी विधानसभा सीट का इतिहास देखें तो यहां 30-35 सालों से गुर्जर जाति का दबदबा रहा है। यहां गुर्जर जाति के एक लाख 75 हजार वोटर हैं। वहीं मुस्लिम वोटरों की संख्या 90 हजार है तो यहां 70 हजार ब्राह्मण और 45 हजार क्षत्रिय वोटर हैं। खास बात ये है कि अभी तक इस सीट पर समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट को जीत नसीब नहीं हुई है। 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से तेजपाल सिंह नागर को टिकट दिया है। वहीं बीएसपी ने मनवीर सिंह भाटी को दादरी विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा है।
BJP, BSP और SP-रालोद गठबंधन में चल रही कांटे की टक्कर
गौतमबुद्ध नगर जिले की तीनों विधानसभा सीट पर बीजेपी, बीएसपी और सपा-रालोद गठबंधन में कांटे की टक्कर चल रही है। वक्त ही बताएगा कि गौतमबुद्धनगर जिले की जनता ने किस पार्टी के कैंडिडेट के सिर पर राजतिलक लगाया है।
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