हाथरस पीड़िता के हत्यारों का सिर काटने वाले को एक करोड़ का इनाम देंगे: संदीप वाल्मीकि
punjabkesari.in Friday, Oct 02, 2020 - 05:02 PM (IST)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस की रहने वाली गैंगरेप पीड़िता की मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। गैंगरेप के बाद दरिंदों ने न केवल लड़की की जीभ काट ली थी बल्कि हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए उसके रीढ़ की हड्डी तक तोड़ दी। हद तो तब हो गई जब यूपी पुलिस ने पीड़िता का शव परिजनों को नहीं सौंपा और उसका देर रात अंतिम संस्कार कर दिया। पीड़िता की मौत के बाद यूपी सरकार और यूपी पुलिस के रवैये पर पर देशभर में आक्रोश है। अब इस मामले पर पूर्व मंत्री संदीप वाल्मीकि ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ऐलान किया है कि अनीषा (बदला नाम) के हत्यारों का सिर काटने वाले को एक करोड़ का इनाम देंगे।
संदीप वाल्मीकि यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि ‘ हमारी बहनों से जो भी बलात्कार करता है उसकी गर्दन काटकर लाने वाले को 1 करोड़ रुपये का इनाम और योद्धा की उपाधि देंगे। हम इन हत्यारों को बख्शने वाले नहीं हैं। अब खून का बदला सिर्फ खून होगा। आज हम इतने दुखी हैं कि आंखों में आंसू रोके नहीं रुक रहे हैं।’
संदीप वाल्मीकि ने कहा कि 1 तारीख को हमने भारत बंद का ऐलान किया है। पूरे प्रदेश में सफाई व्यवस्था ठप्प रहेगी। बहन की शांति के लिए शाम को कैंडल मार्च भी किया जाएगा।
उच्च जाति से संबंध रखते हैं सभी चारो आरोपी
बता दें कि मामले में सभी चार आरोपी जेल में हैं। पीड़िता दलित जाति से थी, वहीं सभी आरोपी कथित रूप से उच्च जाति से संबंध रखते हैं। 20 साल की पीड़िता पर 14 सितंबर को राजधानी दिल्ली से लगभग 200 किमी दूर स्थित हाथरस के एक गांव में हमला किया गया था। आरोपियों ने उसे उसके दुपट्टे से खींचकर खेतों में ले जाया गया था। वो अपने परिवार के साथ घास काट रही थी।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि हाथरस जिले के चंदपा थाने के गांव में 14 सितंबर को दलित लड़की के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया। इसके साथ ही उस पर जानलेवा हमला किया गया। इसके बाद पीड़िता को अलीगढ़ में इलाज के लिए भेजा गया और वहां हालात बिगडऩे पर उसे बीते सोमवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भेजा गया। लेकिन अफसोस, यहां भी उसे बचाया नहीं जा सका और मंगलवार सुबह उस लड़की ने दम तोड़ दिया। पीड़िता की मौत के बाद यूपी पुलिस का शर्मनाक चेहरा देखने को मिला। पुलिस ने परिजनों को शव देने की बजाए उन्हें रोक दिया। परिजन रोते चिल्लाते रहे बावजूद इसके पुलिस ने रात 2.40 मिनट पर उनका संस्कार कर दिया। पुलिस की इस हरकत से नाराज परिजनों और लोगों में पुलिस और सरकार के खिलाफ आक्रोश है। इसके बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।