ये लापरवाही नहीं तो क्या है? नसबंदी के बाद भी महिला बनी मां, कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार... सुनाया यह बड़ा फैसला
punjabkesari.in Thursday, Jun 05, 2025 - 08:20 AM (IST)

Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में एक महिला के साथ अजीब और परेशान कर देने वाली घटना सामने आई है। महिला ने नसबंदी करवाई थी ताकि आगे और बच्चे ना हों, लेकिन इसके बावजूद वह गर्भवती हो गई और एक बच्ची को जन्म दिया। इस मामले में स्थाई लोक अदालत ने इसे डॉक्टर की गंभीर लापरवाही मानते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला प्रयागराज के मऊआइमा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा है। महिला अनीता देवी ने अदालत को बताया कि उनके पहले से ही कई बच्चे हैं, इसलिए उन्होंने परिवार नियोजन के तहत नसबंदी करवाने का फैसला किया। उन्होंने यह ऑपरेशन डॉ. नीलिमा से करवाया, जिन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया कि अब उन्हें और संतान नहीं होगी। लेकिन कुछ समय बाद अनीता को शारीरिक दिक्कतें महसूस हुईं। जब उन्होंने 31 जनवरी 2014 को अल्ट्रासाउंड कराया, तो पता चला कि वे 16 हफ्ते और 6 दिन की गर्भवती हैं। बाद में उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया। इस घटना से आहत अनीता देवी ने प्रयागराज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को पक्षकार बनाते हुए स्थाई लोक अदालत में मुआवजे की मांग की।
अदालत का फैसला
इस मामले की सुनवाई स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन विकार अहमद अंसारी और सदस्यों डॉ. रिचा पाठक व सत्येंद्र मिश्रा की पीठ ने की। उन्होंने माना कि नसबंदी की विफलता डॉक्टर की गंभीर लापरवाही है।
अदालत ने सरकार को दिए ये आदेश
- ₹2 लाख रुपए का एकमुश्त मुआवजा – बच्ची के पोषण के लिए।
- ₹5,000 रुपए प्रतिमाह – बच्ची की पढ़ाई और पालन-पोषण के लिए, जब तक वह 18 साल की नहीं हो जाती या ग्रेजुएशन पूरा नहीं कर लेती (जो पहले हो)।
- ₹20,000 रुपए का अतिरिक्त मुआवजा – महिला को हुई मानसिक और शारीरिक पीड़ा के लिए।
अदालत की सख्त टिप्पणी
अदालत ने कहा कि यह मामला सिर्फ चिकित्सा लापरवाही का नहीं, बल्कि एक महिला पर अनचाही जिम्मेदारी और मानसिक तनाव थोपने का है। एक ओर महिला ने परिवार नियोजन के लिए जरूरी कदम उठाया था, दूसरी ओर, डॉक्टरों की चूक ने उसके जीवन को फिर से बोझिल बना दिया। अदालत ने इसे सामाजिक और आर्थिक स्तर पर महिला के अधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखा।