UP के मुख्य सचिव का निर्देश- ‘स्टाटर्अप पॉलिसी'' को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला आयोजित हो

punjabkesari.in Tuesday, Sep 27, 2022 - 09:55 PM (IST)


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने मंगलवार को राज्य में ‘स्टाटर्अप पॉलिसी' के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए स्टाटर्अप को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में प्रदेश में स्टाटर्अप को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञ, डीआरडीओ, डीपीटीआई और निवेशकों सहित अन्य पक्षकारों के साथ विचार-विमर्श किया जाये।

सरकारी तंत्र को सहयोग के लिए आगे आने की आवश्यकता
मिश्र ने कहा कि सभी विभागों को स्टाटर्अप की दिशा में तेजी से कार्य करने की जरूरत है, ताकि इससे हर क्षेत्र में स्टाटर्अप को बढ़ावा मिले सके। उन्होंने अधिकारियों को ‘नये एवं अनूठे आइडिया' के साथ ही अन्य राज्यों में अच्छे आइडियाज पर सक्रिय स्टाटर्अप को अपनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे अनूठे आइडिया जो अच्छे तो हैं, लेकिन किसी कारण से उन्हें फंडिंग नहीं मिल पा रही है, उनके लिए सरकारी तंत्र को सहयोग के लिए आगे आने की आवश्यकता है।

स्टाटर्अप के लिये 100 करोड़ रूपये खर्च करने का लक्ष्य
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टाटर्अप के लिये 100 करोड़ रूपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है। निर्धारित समय सीमा में इस राशि का उपयोग किया जाए, जिससे कृषि, खाद्य और पर्यटन समेत हर क्षेत्र में स्टाटर्अप को बढ़ाया जा सके।  बैठक में विशेष सचिव (आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स) अक्षय त्रिपाठी ने अवगत कराया कि नोडल एजेंसी के रूप में आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, स्टाटर्अप पॉलिसी को प्रदेश में सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए नियमित मॉनिटरिंग कर रहा है। इसके लिये मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमेटी भी गठित की गई है।       

अब तक 7000 से अधिक स्टाटर्अप रजिस्टर्ड
त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश में 10 हजार स्टाटर्अप के लिए अनुकूल वातावरण बनाने, 100 इन्क्यूबेटरों का नेटवकर्, 3 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, इनोवेशन हब एवं देश का सबसे बड़ा इनक्यूबेटर लखनऊ में स्थापित कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में 7000 से अधिक स्टाटर्अप रजिस्टर्ड हो चुके हैं, 55 रजिस्टडर् इनक्यूबेटर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थापित हो चुके हैं। इसके अतरिक्त सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के अंतर्गत एसजीपीजीआई लखनऊ में मेडटेक व आईआईटी कानपुर, नोएडा में विशिष्ट कृत्रिम बौद्धिकता (आटिर्फीशियल इंटेलिजेंस) केन्द्र बनाया जा रहा है। आईआईटी कानपुर में ड्रोन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन मिलने का इंतजार है।

उन्होंने कहा कि राज्य में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डा एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय में इनोवेशन हब स्थापित किया गया है। सबसे बड़ा इन्क्यूबेटर नादरगंज औद्योगिक क्षेत्र, अमौसी में नोडल एजेंसी द्वारा प्राप्त भूमि पर बनाया जाना प्रस्तावित है।


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Content Writer

Mamta Yadav

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