मदरसों को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला; रद्द कर दिया शिक्षकों को बचाने वाला विधेयक, अब जुर्म किया तो होगा ये हाल

punjabkesari.in Tuesday, Dec 23, 2025 - 09:37 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन से जुड़े पुराने विवादित विधेयक को वापस ले लिया है। यह फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। यह विधेयक साल 2016 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार के समय पास किया गया था। इसमें मदरसों को कुछ खास अधिकार दिए गए थे।

मिले थे ये अधिकार 
इन अधिकारों के तहत किसी भी मदरसा शिक्षक या कर्मचारी के खिलाफ न तो जांच हो सकती थी और न ही पुलिस कार्रवाई। यही वजह थी कि इसे विवादित माना गया। अब इस विधेयक के वापस होने के बाद प्रदेश के सभी मदरसों पर सामान्य कानून लागू होंगे। यानी अब मदरसों में भी वही नियम-कानून लागू होंगे जो बाकी संस्थानों पर होते हैं।

राज्यपाल और राष्ट्रपति ने जताई थी आपत्ति
यह विधेयक विधानसभा और विधान परिषद से पास होने के बाद तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक के पास भेजा गया था। उन्होंने इसमें खामियां बताकर इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया। राष्ट्रपति ने भी कानूनी और प्रशासनिक कमियों के कारण इसे वापस कर दिया था।

सरकार का क्या कहना है
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बताया कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ था। इसमें मदरसों को जरूरत से ज्यादा अधिकार दे दिए गए थे। वेतन में देरी होने पर अधिकारियों को सजा देने का भी प्रावधान था, लेकिन जांच या पुलिस कार्रवाई की अनुमति नहीं थी। उन्होंने कहा कि विधेयक को वापस लेने से मदरसा शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी। अनियमितताओं पर रोक लगेगी और शिक्षकों व कर्मचारियों की जवाबदेही बढ़ेगी। साथ ही, सरकारी अनुदान का सही उपयोग भी सुनिश्चित हो सकेगा। प्रदेश के हजारों मदरसों में काम करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों पर अब पूरी तरह से सामान्य कानूनी नियम लागू होंगे।


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Content Editor

Pooja Gill

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