कबीर की मजार पर याेगी ने टाेपी पहनने से किया इनकार, आजम ने दी ये प्रतिक्रिया

punjabkesari.in Friday, Jun 29, 2018 - 02:50 PM (IST)

रामपुरः सपा के कद्दावर नेता आज़म खान ने सीएम योगी के संत कबीरदास के मज़ार पर टोपी ना पहने के सवाल पर कुछ इस तरह का बयान दिया है। उन्हाेंने कहा कि उमरे आैर हज में टोपी नहीं ओढ़ी जाती इसलिए ये मान लीजिये के नियत उनकी ये होगी के मैं उमरा करने जा रहा हूं। ये ज़बरदस्ती टोपी उड़ाने की बात भी सही नहीं है। संत कबीर जी के मज़ार पर टोपी ओढ़ना या साफा पहनकर जाना ये कोई तुक की बात नहीं है क्याेंकि वो धार्मिक संत नहीं थे। 

आजम ने कहा कि कोई डिग्री न हाेने के बावजूद उनके अंदर बेपनाह सलायतें थीं,  हालांकि कुछ बातें उन्होंने बड़ी मालूमाती कही है। उन्होंने कहा है, के तेरा अल्लाह बेहरा है के तू बांग दे रहा है। तो उन्हें ये मालूम नहीं है के अज़ान बहरों के लिए नहीं है। ना बहरे अल्लाह के लिए हैं। अज़ान जस्ट टू इन्फॉर्म प्युपल ( लाेगाें काे नमाज़ की तरफ आैर मस्जिद आओ, अल्लाह की तरफ आओ के लिए की जाती है।) अब उन्हें मालूम नहीं था क्याेंकि तब उन्हाेंने कुरान पढ़ा नहीं था, तर्जुमा नहीं जानते थे। लेकिन बहुत बहुत सी अच्छी बातें उन्होंने कही है जिन पर कोई कमेंट किया ही नहीं जा सकता। वो (कबीर) धार्मिक संत थोड़ी ना थे। याेगी ने टोपी नहीं ओढ़ी तो क्या हुआ। हालांकि इस दाैरान उन्हाेंने याेगी का नाम नहीं लिया। 

आज़म खान ने पीएम मोदी द्वारा कबीरदास के मज़ार मगहर जाने के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर कहा कि मोदी जी सियासी आदमी हैं किसी मंदिर के पुजारी तो हैं नहीं। माेदी जी की तरह अब योगी जी ने तो सियासत में आकर सियासत की परिभाषा ही बदल दी। मोदी जी अपने तौर पर सही कर रहे है योगी जी अपने तौर पर सही कर रहे है। मुझे आज ही पता चला कबीरदास जी दलित थे क्याेंकि मैं अनपढ़ आदमी जाे हूं। चलिए हम अपने दलित नेताओं से कहेंगे कि वो भी फूल चढ़ाना शुरू कर दें। 


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Ajay kumar

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