रसूलाबाद नहीं अब चंद्रशेखर आजाद घाट कहिए : महाकुंभ 2025 से पहले सीएम योगी का बड़ा एक्शन, प्रयागराज में हुए बदलाव का जानें कारण

punjabkesari.in Sunday, Dec 01, 2024 - 02:03 PM (IST)

प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में आगामी महाकुंभ 2025 की तैयारियां शिखर पर है। सीएम योगी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार महाकुंभ की तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ रही है। प्रदेश सरकार की पूरी कोशिश है कि महाकुंभ 2025 लोगों के दिलों पर ऐसी छाप छोड़ जाए जो अमिट हो। इसी के मद्देनजर प्रयागराज में गंगा नदी के किनारे प्राचीन रसूलाबाद घाट का नाम बदलकर अब शहीद चंद्रशेखर आजाद घाट कर दिया गया है। नगर निगम में पास हुए प्रस्ताव पर मेयर की मुहर लग चुकी है। जिसके बाद रसूलाबाद घाट अब शहीद चंद्रशेखर आजाद घाट के
नाम से पुकारा जा रहा है। 

शहीद चंद्रशेखर आजाद घाट नाम के पीछे क्या है वजह ?
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह बदलाव किया गया है। बीते दिनों अपने प्रयागराज दौरे के दौरान उन्होंने महाकुंभ मेले की तैयारी का निरीक्षण किया था। इसी दौरान सीएम योगी ने प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात और कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद को रसूलाबाद घाट का नाम बदलने का निर्देश दिया था। दरअसल, इस घाट का नाम शहीद चंद्रशेखर आजाद के नाम पर इसलिए रखा गया है क्योंकि यहां उनकी अंत्येष्ठि हुई थी। घाट पर उनके नाम का स्मारक भी लगाया गया है। बता दें कि मेयर ने घाट के नाम में बदलाव के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाने के साथ-साथ जल्द ही शिलापट्ट लगवाकर इसका लोकार्पण कराने के निर्देश भी दिए हैं।

रसूलाबाद घाट का क्या है इतिहास ?
संगम नगरी में चार प्रमुख घाट हैं। जिनमें अरैल, गऊघाट, सरस्वती घाट और रसूलाबाद घाट शामिल हैं। रसूलाबाद घाट का नाम गायिका जानकी बाई इलाहाबादी उर्फ छप्पन छुरी के नाम पर रखा गया था। जानकी बाई के शरीर पर 56 घाव थे, इसलिए उन्‍हें छप्‍पन छुरी के नाम से पुकारा जाता था। जानकी बाई मूल रूप से बनारस की रहने वाली थीं।  पिता शिव बालक ने एक महिला के संपर्क में आने के बाद उनकी मां को त्याग दिया था। जिसके चलते मां मानकी के साथ वह प्रयागराज में आकर बस गईं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Pooja Gill

Related News

static