12वीं फेल ''डॉक्टर'' का क्लीनिक या मौत का जाल? डिग्री नहीं, दवा की स्पेलिंग नहीं... फिर भी चलता है ‘एम्स’ जैसा क्लीनिक

punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 03:54 PM (IST)

Amethi News: उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने चिकित्सा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। बहोरापुर गांव में एक 12वीं फेल युवक खुद को डॉक्टर बताकर वर्षों से क्लीनिक चला रहा है और गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहा है वो भी बिना किसी डिग्री या योग्यता के।

इलाज कर रहा है लेकिन दवाओं की स्पेलिंग भी नहीं आती
मिली जानकारी के मुताबिक, इस युवक का नाम अभिनय प्रताप सिंह बताया गया है। स्थानीय निवासी देवेंद्र सिंह ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है। आरोप है कि अभिनय प्रताप ना तो किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज से पढ़ा है और ना ही उसके पास इलाज करने का कोई प्रमाण पत्र है। इसके बावजूद वह आयुर्वेद और अंग्रेजी दवाओं का इस्तेमाल करके इलाज करता है। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि वायरल हुए एक वीडियो में अभिनय दवाओं के नाम की स्पेलिंग तक नहीं पढ़ पा रहा है। मरीजों को वह केवल हिंदी में दवाओं के नाम बताता है, जो उसकी असली योग्यता पर सवाल खड़े करता है।

महीनों पहले लेना पड़ता है अपॉइंटमेंट
शिकायत में यह भी बताया गया है कि अभिनय प्रताप की क्लीनिक पर रोजाना अमेठी के साथ-साथ आस-पास के जिलों जैसे प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, रायबरेली, जौनपुर और बाराबंकी से सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं। मरीजों की भीड़ इतनी होती है कि उन्हें 1 महीने पहले से अपॉइंटमेंट लेना पड़ता है। फिर भी कई लोगों का इलाज नहीं हो पाता। इलाज कराने आए कुछ मरीजों ने बताया कि वे कई महीनों से इस डॉक्टर से इलाज कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ना तो समय पर नंबर मिल रहा है और ना ही इलाज की कोई गारंटी है।

प्रशासन ने कही जांच की बात
इस पूरे मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी (D.E.O.) डॉक्टर अनीता गुप्ता से जब प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि क्लीनिक विभाग में रजिस्टर्ड है या नहीं, और वहां किस तरह का इलाज किया जा रहा है। शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह सिर्फ अमेठी की नहीं, पूरे सिस्टम की समस्या
यह मामला एक अकेली घटना नहीं है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में नकली डॉक्टरों और फर्जी क्लीनिकों की बढ़ती संख्या पर गंभीर सवाल खड़े करता है। बिना योग्यता के इलाज करना ना केवल कानूनन अपराध है, बल्कि इससे कई मासूम लोगों की जान को खतरा भी होता है। सरकार और प्रशासन को इस ओर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है, ताकि चिकित्सा क्षेत्र में भरोसे और सुरक्षा को बनाए रखा जा सके।


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Content Editor

Anil Kapoor

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