आजमगढ़ में 190 करोड़ की ठगी का खुलासा, 11 साइबर अपराधी विदेशी कनेक्शन से संचालित कर रहे थे ठगी का नेटवर्क
punjabkesari.in Wednesday, Nov 27, 2024 - 11:38 AM (IST)
Azamgarh News: उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ जिले की पुलिस ने मंगलवार को करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने 1 अरब 90 करोड़ रुपए के ठगी का खुलासा किया है। इस मामले में कुल 169 बैंक खातों में लगभग 2 करोड़ रुपए फ्रीज किए गए हैं। इसके अलावा 13 लाख 40 हज़ार रुपए नगद, 51 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड, 56 बैंक पासबुक, 19 सिम कार्ड, 7 चेकबुक, तीन आधार कार्ड, और एक जियो फाइबर राउटर भी बरामद किए हैं। इस मामले में आजमगढ़ पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि 2 आरोपी फरार हैं।
आजमगढ़ में साइबर ठगी का बड़ा मामला
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने पत्रकारों को बताया कि साइबर क्राइम के खिलाफ चलाए गए विशेष अभियान के तहत 25 नवंबर को थाना साइबर क्राइम की पुलिस टीम ने रेड्डी अन्ना, लोटस और महादेव जैसे प्रतिबंधित ऑनलाइन एप के जरिए ठगी करने वाले इस गैंग का पर्दाफाश किया। गैंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, मेटा और टेलीग्राम पर विज्ञापन देकर लोगों को अपने झांसे में फंसाता था। गैंग के पीड़ितों को पैसे दोगुने या तिगुने करने का लालच देकर उनकी लॉगिन आईडी बनाता और ऑनलाइन गेम्स के जरिए उनके खातों से पैसे निकालकर फर्जी खातों में ट्रांसफर करता था। पीड़ितों की आईडी ब्लॉक कर दी जाती थी।
पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर 11 आरोपियों को किया गिरफ्तार
मीणा ने बताया कि इस संगठित गैंग में भारत के अलावा श्रीलंका और यूएई के सदस्य भी शामिल थे। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में उत्तर प्रदेश से 6, बिहार से 2, उड़ीसा से 2 और मध्य प्रदेश का एक अभियुक्त शामिल है। इन अभियुक्तों के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में 70 साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं। इनकी गिरफ्तारी 25 नवंबर को नगर कोतवाली के रैदोपुर क्षेत्र में स्मार्ट मॉल के सामने स्थित एक मकान से की गई। थाना साइबर क्राइम प्रभारी और उनकी टीम ने मुखबिर की सूचना पर 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
विनय यादव और सौरभ नामक ठग की तलाश कर रही पुलिस
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वे आजमगढ़ में दो यूनिट चला रहे थे, जिनमें कुल 13 सदस्य सक्रिय रूप से कार्यरत थे। ये लोग सरकार द्वारा प्रतिबंधित एप का उपयोग कर ठगी करते थे। व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए पीड़ितों से संपर्क किया जाता था। गैंग द्वारा अर्जित धनराशि को फर्जी खातों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझेदारों के साथ बांटा जाता था। गिरफ्तार आरोपियों में राम सिंह (28),संदीप यादव (25),विशालदीप (22),अजय कुमार पाल (25),आकाश यादव (24),पंकज कुमार पुषांय (26),प्रदीप क्षात्रिया (22),विकास यादव (19),आनन्दी कुमार यादव (24),मिर्जा उमर बेग (21) औरअमित गुप्ता शामिल हैं। पुलिस विनय यादव और सौरभ नामक ठग की तलाश कर रही है।