गोरखपुर के बाजार में चमक रहे देसी बकरे, तोतापरी- कालपी और सिरोही तक हर नस्ल मौजूद... कीमतें सुनकर रह जाएंगे दंग

punjabkesari.in Saturday, Jun 07, 2025 - 11:39 AM (IST)

Bakrid 2025: बकरीद पर कुर्बानी से पहले गोरखपुर के शाहमारुफ बाजार में खास माहौल बना हुआ है। जहां जामा मस्जिद के सामने एक अलग ही तरह का बकरा बाजार सजा है। इस बाजार में अलग-अलग नस्ल के बकरे जैसे तोतापरी, कालपी, सिरोही और देसी बकरे बिक रहे हैं। यहां बकरे के नाम भी खास हैं, जैसे बादल, बादशाह और सुल्तान। ये नाम उनके मालिकों ने उन बकरों को पालने के बाद दिए हैं। बाजार में बकरे का वजन 60 किलो से लेकर डेढ़ क्विंटल तक है। इन बकरों की कीमत उनकी सुंदरता, नस्ल और वजन के हिसाब से तय होती है। कुछ बकरे 25 हजार रुपये से लेकर 1 लाख 20 हजार रुपए तक बिक रहे हैं।

शाहमारुफ बाजार में बकरों की खास रौनक
मिली जानकारी के मुताबिक, शाहमारुफ की जामा मस्जिद के सामने हर साल की तरह इस बार भी बकरों का बाजार लगा है। बकरे के मालिक अपने बकरे लेकर आए हैं ताकि उन्हें अच्छे दाम मिल सकें। यहां काजू, किशमिश, बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स खिलाकर बकरों को बड़ा किया गया है। इस बाजार में लंबे कान, कलगी और दाढ़ी वाले बकरे भी मिलते हैं। शाहजहांपुर से आए तोतापरी नस्ल के सुल्तान बकरे का वजन करीब 90 किलो है और इसकी कीमत 1 लाख रुपए रखी गई है। इसके मालिक रफीक बताते हैं कि सुल्तान का चेहरा तोते जैसा सुंदर है।

सुंदर तोतापरी सुल्तान की कीमत 1 लाख रुपए
आदमगढ़ से आए मोहम्मद आसिफ के बकरे बादल की कीमत 1 लाख 20 हजार रुपए है और इसका वजन करीब 80 किलो है। बादल को ड्राई फ्रूट्स बहुत पसंद हैं और यह परिवार के साथ रहना पसंद करता है। इसी तरह आजमगढ़ से मोहम्मद अशआर ने सिरोही नस्ल का बादशाह नाम का बकरा लाया है, जिसका वजन लगभग 90 किलो है। इसकी कीमत भी 1 लाख 20 हजार रुपए रखी गई है। इसे गाजर, खीरा और चुकंदर के साथ ड्राई फ्रूट्स खाना अच्छा लगता है।

बादल और बादशाह के बकरे की भारी कीमतें
राजस्थान के कालपी नस्ल का शेरू नाम का बकरा भी इस बाजार में है, जिसका वजन डेढ़ क्विंटल के करीब है। इसकी कीमत 98 हजार रुपए है। वसीम नाम के एक व्यापारी ने भी 50-50 किलो वजन के दो बकरे, सुल्तान और शेरु, यहां लाए हैं, जिनकी कीमत 60-60 हजार रुपए रखी गई है।

ग्राहक बोले- इस बार बकरीद बाजार महंगा
ग्राहक मोहम्मद मुदस्सिर ने बताया कि इस बार बकरीद का बाजार काफी महंगा है। वे कहते हैं कि देसी नस्ल का बकरा ज्यादा अच्छा माना जाता है। जुबेर अहमद ने बताया कि उन्हें सुल्तान बकरा पसंद है, लेकिन इसकी कीमत अधिक है क्योंकि यह काजू-बादाम खाता है। वे कहते हैं कि कुर्बानी के लिए बकरा एक से डेढ़ साल का होना चाहिए, उसके दो दांत होने चाहिए, कान कटा नहीं होना चाहिए और पैर भी ठीक होना चाहिए। सबसे जरूरी बात यह है कि बकरा पूरी तरह से स्वस्थ हो। इस तरह, इस बार गोरखपुर का बकरा बाजार खास और महंगा नजर आ रहा है, जहां लोग अपने बजट और पसंद के हिसाब से बकरा खरीद रहे हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Anil Kapoor

Related News

static