Agra News: लड्डू गोपाल बने टॉपर, प्ले ग्रुप में पाए 98.36 प्रतिशत नंबर.... जानिए पूरी कहानी
punjabkesari.in Wednesday, Oct 02, 2024 - 10:37 AM (IST)
Agra News: (मानवेंद्र मल्होत्रा) जिसकी मुरली पर सारा संसार नाचता हो, जो जगत का स्वयं पालनहार हो वही कृष्ण-कन्हाई, खुद बेटे के रूप में ना सिर्फ पल बढ़ रहे हैं बल्कि कॉपी किताब के साथ स्कूल में पढ़ाई भी करते हैं। जी हां, प्रेम की नगरी आगरा में लड्डू गोपाल अपने बाल रूप में पढ़ाई करने में लगे हैं। बाकायदा इन लड्डू गोपाल ने स्कूल में एडमिशन लिया है और वे हर रोज पढ़ाई भी करते हैं।पढ़ाई में होशियार लड्डू गोपाल ने करीब 98 फीसदी अंक लाकर अपनी योग्यता का भी परचम फहराया है।
आगरा में लड्डू गोपाल की अनोखी भक्ति
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आगरा की राजा मंडी निवासी अलका बंसल बेसिक स्कूल में टीचर हैं। अब से करीब 5 साल पहले 25 सितम्बर को उनकी सहेली ने उन्हें लड्डू गोपाल दिए थे। तब उन्होंने लड्डू गोपाल का कोई विशेष ख्याल नहीं रखा था, जिसके चलते उनकी सहेली बबिता ने उन्हें लड्डू गोपाल का ख्याल रखने की कड़ी हिदायत दी थी। बस इसके बाद तो लड्डू गोपाल में उन्हें अपना छोटा सा लल्ला नजर आने लगा, जिसके बाद अलका ने वो सब किया जो एक मां अपने बेटे के लिए करती है।
यशोदा बनकर लड्डू गोपाल को पाल रहीं 3 मां
आपको बता दें कि, अलका बंसल ने अपने लड्डू गोपाल का नाम केशव रख दिया। यही नहीं, अलका बंसल अब हर साल केशव का 25 सितम्बर को बर्थ डे भी सेलिब्रेट करती हैं। अलका बंसल ने केशव का एडमिशन दयालबाग स्थित मदर्स हार्ट पब्लिक स्कूल में प्ले ग्रुप में कराया है, सुबह शाम अलका बंसल अपने केशव को घर पर पढ़ाती हैं। यहीं नही वो स्कूल भी पढ़ने जाते हैं। बता दें कि अलका स्कूल की टीचर से होमवर्क मंगाकर केशव की कॉपी में खुद ही लिखने लगती है। इसके बाद परीक्षा का समय आया तो अलका ने कहा कि हमारा केशव भी परीक्षा देगा। स्कूल से उन्हें पेपर भेजा गया, अलका ने अपनी आंखें बंद की और जो उत्तर उन्हें केशव की तरफ से दिमाग में आए वह लिख दिया और जब परीक्षा का रिजल्ट आया तो केशव नें 98.36 अंक प्राप्त किए।
बच्चे की तरह लड्डू गोपाल का कर रहीं पालन पोषण
बताया जा रहा है कि अलका बंसल को लड्डू गोपाल केशव के प्रति इतना समर्पण देख कर उनकी जेठानी मीनू बंसल और देवरानी रीमा बंसल ने भी अपने अपने लड्डू गोपाल का नाम माधव और राघव रख दिया। मीनू और रीमा भी माधव और राघव को अभी घर पर ही पढ़ा रहीं हैं। माधव अभी तीन साल के हैं और राघव तकरीबन ढाई साल के हो गए हैं। एक ही परिवार में तीन माएं, केशव, माधव और राघव का लालन पालन करने में लगी हैं।