उप्र में बनाए जा रहे हैं 128 सेतु मार्च 2020 तक पूरे किये जाय: मौर्य

punjabkesari.in Saturday, Nov 16, 2019 - 09:04 AM (IST)

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि राज्य में बनाए जा रहे हैं पुल आदि का काम निर्धारित मानकों एवं समय सीमा पर पूरा किया जांय। सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि श्री मौर्य गुरुवार देत रात प्रदेश में निर्मित किये जा रहे सेतुओं ,आर0ओ0बी0/फ्लाई ओवर के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में बनाये जा रहे 211 सेतु मार्च 2020 तक पूरे किये जाय लक्षित 128 पुल सभी सेतु/आर0ओ0बी0/फ्लाई ओवर निर्धारित मानकों के अनुरूप व निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किये जांय। 

मौर्य ने कहा कि फ्लाई ओवर बनाने व बाईपास बनाने के कार्यों में लगने वाली धनराशि व स्थानीय आवश्यकताओं को देखते हुये यह सुनिश्चित किया जाय कि किस कार्य में कम धनराशि खर्च होगी । जिसमें कम धनराशि खर्च हो, वही कार्य कराये जांने का प्लान बनाएं। यदि फ्लाई ओवर बनाने में ज्यादा धनराशि व्यय होनी हो, तो स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यातायात सुगम बनाने के लिए बाईपास/अण्डरपास बनाने पर विचार किया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि परियोजनाएं आगामी 20 सालों की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनायी जांय। उन्होंने कहा कि पुराने जर्जर पुलों के निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया जाय और जहॉ के पुनरीक्षित आगणन आने हैं, अगले 10 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से दे दिये जाय। उन्होंने कहा कि रेलवे द्वारा कराये जा रहे कार्यों में रेलवे के अधिकारियों के साथ हाई-लेबल बैठक की जाय, कार्यों में विलम्ब नहीं होना चाहिए। उन्होने कहा कि रेलवे के अधिकारियों के साथ हर माह बैठक की जांय।

मौर्य ने निर्देश दिये कि अयोध्या लखनऊ और वाराणसी में निर्माणाधीन सड़क व पुलों की परियोजनाओं पर विशेष रूप से फोकस किया जाय। उन्होने कहा कि जहॉ अतिक्रमण की समस्या हो, वहॉ स्थानीय प्रशासन से सहयोग लेकर अतिक्रमण हटवाया जाय। उन्होने जोर देते हुए कहा कि जहॉ भी कार्य हो रहे हैं वहॉ पर्यावरण प्रदूषण न होने पाए इसके लिए जरूरी उपाय अनिवार्य रूप से किये जांय। उन्होंने कहा कि फ्लाई ओवरों के किनारे सुन्दर व अच्छी रेलिंग लगाई जाय। उन्होंने कहा कि अभिलेखों का डिजिलिटीकरण किया जाय। उन्होंने सेतु निगम के सभी चीफ प्रोजेक्ट मैनेजरों को निर्देश दिये कि वह प्रतिदिन दो शिफ्टों में कार्य करायें। यथासम्भव सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक दो शिफ्टें बनायी जांय और यह भी ध्यान रखा जाय कि प्रथम शिफ्ट में कार्य करने वाले लोग दूसरी शिफ्ट में न रहें। उन्होने निर्देश दिये कि कार्य करने वाले मजदूरों आदि का बीमा अवश्य कराया जाय।

 उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आरओबी/फ्लाई ओवर की जमीन पर अतिक्रमण न होने पाये और उस जमीन का सदुपयोग करने के लिए पहले से ही प्लान बनायें। उन्होंने निर्देश दिये कि जहॉ जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता हो, स्थानीय प्रशासन का सहयोग लेकर अधिग्रहण की कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र करायी जाय। उन्होने कहा कि निर्माण कार्यों से जाम की समस्या न पैदा हो इसके लिए पहले से ही वैकल्पिक व्यवस्था किया जाना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि कहीं कहीं ऐसा देखा गया है कि कई अन्य विभागों की परियोजनाओं के निर्माण के समय सड़के खोद दी जाती हैं और वह खुदी पड़ी रहती हैं। यह सुनिश्चित किया जाय कि सड़कों की मरम्मत समय से करायी जाय और इसके लिए सभी सम्बन्धित विभागों के साथ उच्च स्तर पर बैठक करके इसका समाधान सुनिश्चित कराया जाय। उन्होने कहा कि नये बनाये जाने वाले सेतुओं की सूची उपलब्ध करायी जाय।       

बैठक में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण, व सचिव रंजन कुमार ने भी निर्माण कार्यों में पारदर्शिता लाने व कार्यों को तीव्र गति से पूरा कराने एवं पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिये। सेतु निगत के प्रबन्ध निदेशक पी0के0 कटियार ने बताया कि उन्होंने अपने लगभग तीन माह के कार्यकाल में सेतु निगम के कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति लाने का कार्य किया है और कर रहे हैं। उन्होने बताया कि प्रदेश में इस समय 211 सेतु निर्माणाधीन हैं, जिसमें 128 सेतु मार्च 2020 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है और 10 पूर्ण हो गये हैं, तथा 02 सेतु इसी माह नवम्बर में पूरे हो जायेंगे। कटियार ने बताया कि अभी तक सेतु निगम द्वारा 1892 करोड़ के कार्य एक साल में कराये जाने का रिकाडर् रहा है और उनकी कोशिश है कि इस वर्ष रू0 2200 करोड़ से अधिक धनराशि के कार्य पूर्ण कराये जाय। 


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Ajay kumar

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