4 गर्लफ्रेंड, 3 प्रेग्नेंट, 450 करोड़ के टेंडर पर 5 करोड़ की रिश्वत और AI से बनी फर्जी पहचान का पूरा खेल बेनकाब; गोरखपुर में पकड़ा गया फर्जी IAS!
punjabkesari.in Friday, Dec 12, 2025 - 07:08 AM (IST)
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में गिरफ्तार किए गए फर्जी IAS अधिकारी के कारनामे किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं हैं। असली नाम गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर, जिसने एमएससी करने के बाद कोचिंग टीचर का काम शुरू किया, लेकिन बड़ा बनने के चक्कर में वह ठगी की दुनिया में उतर गया। कुछ ही सालों में उसने IAS बनकर रौब झाड़ने, लड़कियों को फंसाने और करोड़ों की ठगी करने का एक बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया।
IAS की फर्जी लाइफस्टाइल: कोचिंग भी, ठगी भी
गौरव एक तरफ ट्यूशन पढ़ाता था, लेकिन दूसरी तरफ अपनी फर्जी IAS प्रोफाइल को बनाए रखने के लिए हर महीने मोटी रकम खर्च करता था। उसने लाल-नीली बत्ती वाली सफेद इनोवा, सुरक्षाकर्मी जैसे लोग और बड़ा रौब बनाकर घूमना शुरू कर दिया। इस दौरान उसने चार गर्लफ्रेंड बना लीं, जो उसके IAS होने की झूठी कहानी पर ही भरोसा करती रहीं।
असली SDM को जड़ दिए थे दो थप्पड़!
एक बार गौरव भागलपुर (बिहार) के एक गांव में 'दौरा' करने गया था। वहीं उसकी मुलाकात एक असली SDM से हो गई। एसडीएम ने बैच और रैंक को लेकर उससे सवाल पूछे तो गौरव तमतमा गया और उसने एसडीएम को दो थप्पड़ मार दिए। हैरानी की बात—असली अधिकारी ने इसकी शिकायत तक नहीं की। बस इतना ही रौब जमा लिया था गौरव ने।
₹99 लाख की जांच में पर्दाफाश—फर्जी IAS गिरफ्तार
गोरखपुर पुलिस ने चुनाव के दौरान मिले ₹99 लाख कैश की जांच की तो धागा गौरव तक पहुंचा। सर्विलांस में खुलासा हुआ कि—उसकी चार गर्लफ्रेंड हैं, तीन गर्लफ्रेंड प्रेग्नेंट हैं। वह AI की मदद से फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाता था, बड़े कारोबारियों से 'सरकारी ठेका' दिलाने का वादा करके ठगी करता था। गौरव असल में बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला है और गोरखपुर के एक व्यक्ति परमानंद गुप्ता के साथ मिलकर यूपी, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश में ठगी चलाता था।
450 करोड़ के टेंडर के लिए 5 करोड़ की रिश्वत भी ले रखी थी
गौरव बड़े बिल्डरों को सरकारी ठेका दिलाने का झांसा देता था। AI से बने हुए फर्जी कागज दिखाकर वह लोगों को पूरी तरह विश्वास में ले लेता था। एक व्यापारी से उसने— ₹450 करोड़ के टेंडर का झांसा, ₹5 करोड़ कैश, दो इनोवा कारें रिश्वत में ले ली थीं। उसने अपने साले अभिषेक की मदद से फर्जी IAS कार्ड, आईडी और नेम-प्लेट भी तैयार करवाए थे।
शुरुआत कोचिंग से—पहली FIR 2 लाख की
2019 में एमएससी पूरी करने के बाद उसने ‘आदित्य सुपर 50’ नाम से कोचिंग खोली। यहीं उसने एक छात्रा को नौकरी दिलाने के नाम पर ₹2 लाख ऐंठ लिए। काम न होने पर लड़की ने शिकायत की और उसके खिलाफ पहली FIR दर्ज हुई। जमानत मिलने के बाद वह एक साल तक अंडरग्राउंड रहा।
4 गर्लफ्रेंड, 3 प्रेग्नेंट—IAS का झूठा सपना दिखाकर फंसाया
अंडरग्राउंड रहते हुए उसने एक लड़की के साथ भागकर मंदिर में शादी कर ली। इसके बाद सोशल मीडिया पर IAS की फर्जी प्रोफाइल बनाकर लड़कियों से दोस्ती करना शुरू किया। पुलिस जांच में मोबाइल से— लंबी-लंबी चैट, फर्जी IAS पोस्ट, लड़कियों को किए गए वादे सब कुछ मिला। किसी को भी यह पता नहीं था कि वह शादीशुदा है और IAS भी नहीं।
चार राज्यों में फैला ठगी का नेटवर्क
एसपी सिटी अभिनव त्यागी के अनुसार— गौरव एक बड़े संगठित नेटवर्क का हिस्सा है। उसके फोन और डॉक्यूमेंट्स से नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश की टीमों से मिलकर पूरे गिरोह की जांच कर रही है

