CM योगी के आरोपों पर अखिलेश का पलटवार, कहा- हम रामचरितमानस के खिलाफ नहीं हैं…

punjabkesari.in Tuesday, Feb 28, 2023 - 08:56 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा (Assembly) में मंगलवार को विपक्ष के नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर मुख्‍यमंत्री द्वारा सपा पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि हम रामचरितमानस के खिलाफ नहीं है। क्यों प्रचार करते हो आप।'' उन्होंने कहा, ''भगवान सबके एक हैं, किसी एक के नहीं हैं। चंदा (राम मंदिर निर्माण के लिए) आप लेते हैं तो क्‍या भगवान आपके हो गये, लेकिन जो गलत है वह गलत है।'' उन्होंने मानस की एक चौपायी में 'ताड़न' शब्द का जिक्र करते हुए कहा कि ''आप किसी एक को खड़ा कर दें कि ताड़न शब्द का क्या अर्थ है। हम भी 10 को खड़ा कर सकते हैं। क्या एक को खड़ा करके ताड़न का मतलब बताएंगे। आप बताइए कि उप्र की स्थिति क्या है।''
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गंवार का मतलब अशिक्षित तथा शूद्र का मतलब श्रमिक वर्ग से है: Yogi
योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को ‘श्रीरामचरितमानस’ के बारे में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधानपार्षद स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी और उससे उपजे विवाद को लेकर विधानसभा में आरोप लगाया कि सपा इस पवित्र ग्रंथ को जलाकर 100 करोड़ हिंदुओं को अपमानित कर रही है।’’ आदित्यनाथ ने स्वामी मौर्य द्वारा आपत्तिजनक बतायी जा रही मानस की चौपायी की व्याख्या करते हुए सदन में कहा, ‘‘महोदय यह वही पंक्ति है - ‘‘ढोल, गंवार शूद्र, पसु, नारी। सकल ताड़न के अधिकारी।’’ योगी ने कहा था कि दरअसल, ढोल एक वाद्य यंत्र है। गंवार का मतलब अशिक्षित से है। शूद्र का मतलब श्रमिक वर्ग से है किसी जाति विशेष से नहीं।'' उन्‍होंने ताड़न का मतलब दो उदाहरणों के साथ देखभाल और देखना बताया।
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शूद्र अगर आपके ढाल नहीं बने तो आप सत्ता में कभी नहीं आ सकते: अखिलेश
मंगलवार को इसी मामले पर जातियों को लेकर रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता सुनाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ''यह लड़ाई आज की नहीं है। यह लड़ाई पांच हजार साल पुरानी है।'' उन्होंने कहा, ''मैंने रामचरितमानस के बारे में नहीं पूछा था। मैंने कहा था कि नेता सदन बताएं कि शूद्र क्या है।'' उन्होंने कहा कि यही शूद्र अगर आपके ढाल नहीं बने तो आप सत्ता में कभी नहीं आ सकते हैं।'' उन्होंने योगी आदित्यनाथ के 2017 में मुख्‍यमंत्री बनने के बाद पांच कालिदास मार्ग स्थित मुख्‍यमंत्री आवास को गंगाजल से धुलवाने पर निशाना साधते हुए कहा कि क्‍या आप किसी घर में गये होंगे तो गंगाजल से धोया होगा, यह कहां का सिद्धांत है।

'किसी का घर गंगाजल से नहीं धुलवा सकते'
उल्लेखनीय है अखिलेश यादव बतौर मुख्‍यमंत्री (2012-2017) पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते थे। यादव ने सवाल किया कि क्या नेता सदन बताएंगे कि शूद्र गलत है, कोई जान से पैदा नहीं हो सकता और किसी का घर गंगाजल से नहीं धुलवा सकते। यादव ने सदन में योगी की एक टिप्पणी पर कहा, ''किसी के पिता के बारे में कोई बोलेगा तो दूसरा भी किसी के पिता के खिलाफ बोल सकता है। अगर आप परंपराओं पर चलना चाहते हैं तो यह परंपरा आपको छोड़नी पड़ेगी।'' उन्होंने कहा, ''अगर परंपराओं की ही बात होगी तो हो सकता है कि आपने भी बहुत से रीति रिवाज नहीं मानी। यह ठीक नहीं लगेगा अगर मैं कहूं, क्योंकि ऐसी शिक्षा मुझे नेताजी ने नहीं दी है।''


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Mamta Yadav

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