मजदूरों की घर वापसी पर बोले अखिलेश- 1947 के बाद ऐसा माहौल कभी नहीं देखा

punjabkesari.in Monday, May 18, 2020 - 11:47 AM (IST)

लखनऊः कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए लॉकडाउन के चौथे चरण की घोषणा कर दी गई है। वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस रिलीज जारी किया है। अखिलेश ने कहा कि देश का मजदूर और कामगार बेहद कठिन दौर से गुजर रहा है। 1947 के बाद भारत में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई। जिनसे न्याय की उम्मीद है, वहीं सरकार अन्याय और असहनीय पीड़ा पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि बे-सहारों पर लाठियां बरसाई जा रही है। यह घोर अमानवीय कृत्य है। इस संकट का जिम्मेदार कौन है? आखिर 54 दिन से केन्द्र और राज्य की सरकारें क्या करती रही? यह लोकतंत्र के साथ भद्दा मजाक है। 

सपा अध्यक्ष ने कहा कि "भाजपा सरकार का आदेश है कि प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश की सीमा में न घुसने देंगे, न रेल ट्रैक पर चलने देंगे, न ट्रक-दुपहिया से जाने देंगे। भाजपा की गरीब विरोधी नीतियां ही लोगों को ये सब काम करने को मजबूर कर रही हैं। अच्छा हो, सरकार गरीब की जिंदगी पर ही रासुका लगा दें। 

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि दतिया, झांसी, जालौन, कानपुर, गाजियाबाद, सहारनपुर की सीमाओं पर संघर्ष तबाही के शिकार श्रमिकों का कसूर क्या है? राज्य की सीमाओं पर क्या कोई विदेशी हमला होने वाला है? क्या अपने राज्य के कामगार विदेशी है? उन्नाव में सड़क जाम है। प्रशासन ने 10-10 किलोमीटर का जाम क्यों लगाया? इसका जवाब तो टीम-इलेवन को देना पड़ेगा। सिर पर सामान नदी को पार करते श्रमिकों का जत्था क्या यही उत्तर प्रदेश का परिचय है? ये सभी कितनी बेबसी के शिकार है। ऐसा तो बेगानों के साथ भी दुर्व्यवहार नहीं होता है। 

उन्होंने कहा कि भाजपा ने श्रमिकों-कामगारों और गरीबों को जितना अपमानित किया, वह दुखभरी अनन्त दास्तान है। इस पीड़ा और कष्ट को श्रमिक कभी भूल नहीं पायेगा। उन्होंने कहा कि श्रमिकों पर दोहरी मार एक कोरोना और दूसरी भाजपा सरकार का आचरण। यह कैसी विडम्बना है आजाद भारत में लाचार श्रमिक और उनकी भूख साथ चलने को मजबूर है। यह स्थिति राष्ट्रीय त्रासदी से कम नहीं है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tamanna Bhardwaj

Recommended News

Related News

static