इलाहाबाद HC ने कहा- गौ हत्या करने वाला नर्क में सड़ने लायक, केंद्र सरकार जल्द बनाए कानून

punjabkesari.in Sunday, Mar 05, 2023 - 01:29 PM (IST)

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के जस्टिस शमीम अहमद ने गौ हत्या को लेकर अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रह रहे हैं और सभी धर्मों के लिए सम्मान होना चाहिए। हिंदू धर्म में यह विश्वास है कि गाय दैवीय है और प्राकृतिक रूप से लाभकारी है। इसलिए इसकी रक्षा और पूजा की जानी चाहिए। लखनऊ पीठ ने केंद्र सरकार से गाय को ‘संरक्षित राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने और गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून बनाने को कहा है।
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न्यायमूर्ति शमीम अहमद की एकल पीठ ने यह फैसला बाराबंकी के मोहम्मद अब्दुल खालिक की एक याचिका को 14 फरवरी 2023 को खारिज करते हुए पारित किया, जिसमें याचिकाकर्ता के खिलाफ उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम, 1955 के संबंध में दर्ज आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने का अनुरोध किया गया था। 14 फरवरी को जस्टिस शमीम अहमद की सिंगल जज की बेंच ने पुराण का हवाला देते हुए कहा कि जो कोई भी गायों को मारता है या दूसरों को उन्हें मारने की अनुमति देता है, उसे नरक में सड़ने के लायक माना जाता है।
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कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा कि गाय विभिन्न देवी-देवताओं से भी जुड़ी हुई है। खास तौर से भगवान शिव (जिनकी सवारी है, नंदी), भगवान इन्द्र (कामधेनु गाय से जुड़े हैं) भगवान कृष्ण (जो बाल काल में गाय चराते थे) और सामान्य देवी-देवता। किंवदंतियों के अनुसार, गाय समुन्द्रमंथन के दौरान दूध के सागर से प्रकट हुई थी। उसे सप्त ऋषियों को दिया गया और बाद में वह महर्षि वशिष्ठ के पास पहुंचीं।’ कोर्ट ने यह भी कहा कि दुधारू गायों को ऋगवेद में ‘सर्वोत्तम’ बताया गया है। गाय से मिलने वाले पदार्थों से पंचगव्य तक बनता है। इसलिए पुराणों में गोदान को सर्वोत्तम कहा गया है। 


 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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