आतंकी हमले के दोषियों को अमित शाह की दो टूक, आतंकवाद के सामने घुटने नहीं टेकेगा भारत
punjabkesari.in Wednesday, Apr 23, 2025 - 03:29 PM (IST)

लखनऊ: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि देश आतंकवाद के आगे घुटने नहीं टेकेगा और जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित करने के बाद उन्होंने ‘एक्स' पर कहा ‘‘भारी मन से, पहलगाम आतंकी हमले के मृतकों को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत आतंकवाद के आगे नहीं झुकेगा। इस नृशंस आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
आप को बता दें कि कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को पर्यटकों पर आतंकवादियों ने हमला बोला दिया। जिसमें 27 पर्यटकों की मौत हो गई। मृतकों में दो विदेशी (संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल से) और दो स्थानीय निवासी शामिल हैं। पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन चीड़ के पेड़ों के घने जंगलों और पर्वतों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है तथा देश व दुनिया के पर्यटकों के बीच पसंदीदा स्थान है। अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी ‘मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से मशहूर इस पर्यटन स्थल पर पहुंचे और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, खच्चर की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई।
गौरतलब है कि 14 फरवरी, 2019 को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा इलाके में हुए एक आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद से कई और आतंकी हमले हुए हैं, लेकिन कोई भी इतना गंभीर नहीं था। साल 2000 में पहलगाम में अमरनाथ आधार शिविर पर हुए एक हमले में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
एक वर्ष बाद शेषनाग में अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमले में 13 लोगों की मौत हुई, जबकि पहलगाम क्षेत्र में 2002 में एक अन्य हमले में 11 लोग मारे गये। पिछले साल मई में पहलगाम के यन्नार में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में राजस्थानी पर्यटक पति-पत्नी घायल हो गए थे। मार्च 2000 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के दौरे पर थे, तब आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के छत्तीसिंहपुरा में 35 सिखों की हत्या कर दी थी। बैसरन पहलगाम में एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। पहलगाम से खच्चरों के माध्यम से इस क्षेत्र तक पहुंचा जा सकता है और रास्ते में पहलगाम शहर व लिद्दर घाटी का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। यह उन पर्वतारोहियों के लिए शिविर स्थल भी है जो तुलियन झील तक जाते हैं।