मंत्रिमंडल की बैठक में गंगा-यमुना नदी पर दो नए पुल बनाने को मिली मंजूरी, अन्य 10 प्रस्तावों को भी सरकार ने दिया ग्रीन फलैग
punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2025 - 07:42 PM (IST)
प्रयागराज : महाकुंभनगर के अरैल में त्रिवेणी संकुल में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी पर दो नए पुल के निर्माण समेत 10 महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रयागराज में सलोरी और हेतापट्टी के बीच गंगा नदी पर नया पुल बनाने और यमुना नदी पर बने सिग्नेचर पुल के समानांतर एक नया पुल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।” उन्होंने कहा कि प्रयागराज की अपनी आंतरिक यातायात की चुनौतियां हैं। गंगा नदी पर नया छह लेन का पुल बन रहा है जो समय रहते पूरा हो जाएगा। सीएम योगी ने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि अगले कुंभ में ढांचागत विकास का लाभ आने वाले श्रद्धालुओं को प्राप्त होगा।''
सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूर किए गए प्रस्तावों में उत्तर प्रदेश को एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में ‘महारथी' बनाने के उद्देश्य से नई नीति को मंजूरी दी गई है। जिसके अंतर्गत 50,000 करोड़ के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य है। इस नीति के लागू होने के बाद प्रदेश के एक लाख युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की प्रबल संभावना है। इसके अलावा, विदेशी कंपनियों को उद्योग स्थापित करने के लिए एफडीआई नीति को भी मंजूरी प्रदान की गई। जिसमें भूमि पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। इसके साथ ही, मंत्रिमंडल ने अभियोजन निदेशालय की स्थापना को भी मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि नए निवेश के कुछ प्रस्ताव यहां आए हैं जिनके लिए इच्छा पत्र (लेटर ऑफ इंटेंट) यहां जारी किए जाएंगे। इनमें मिर्जापुर में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश और मुरादाबाद से जुड़े अतिरिक्त प्रस्तावों पर चर्चा की गई। योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मभूमि रहे बलरामपुर में उन्हीं के नाम पर केजीएमयू के सैटेलाइट सेंटर को मेडिकल कॉलेज के रूप में स्थापित करने का निर्णय किया गया है।”
उन्होंने बताया कि बागपत, हाथरस और कासगंज में पीपीपी मोड पर नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। साथ ही टाटा टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर प्रदेश के 62 आईटीआई के लिए पांच सेंटर ऑफ इन्नोवेशन, इनवेंशन व इनक्यूबेशन ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना के बारे में भी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि बैठक में प्रयागराज, वाराणसी और आगरा के नगर निगमों के बांड जारी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। “अभी तक हमने लखनऊ और गाजियाबाद नगर निगम के बांड जारी किए थे जिसके बहुत अच्छे परिणाम सामने आए हैं। प्रयागराज नगर निगम एक सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल के लिए बांड जारी करने जा रहा है।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रयागराज के महाकुम्भ को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज और चित्रकूट को मिलाकर एक विकास क्षेत्र हम विकसित करेंगे। इसके लिए गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार करेंगे जो प्रयागराज से मिर्जापुर और वहां से भदोही होते हुए काशी, चंदौली और गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के साथ जुड़ेगा। उन्होंने कहा, “इसके अलावा, वाराणसी और चंदौली से यही एक्सप्रेसवे सोनभद्र को जोड़ते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ जुड़ेगा। यह ढांचागत विकास की दृष्टि से जिस तरह से हम प्रयागराज चित्रकूट विकास क्षेत्र विकसित करने जा रहे हैं, वैसे ही वाराणसी-विंध्य विकास क्षेत्र को नीति आयोग के साथ मिलकर आगे बढ़ाया जा रहा है।” योगी आदित्यनाथ ने कहा, “ये विकास क्षेत्र ना केवल पर्यटन की दृष्टि से, बल्कि आर्थिक उन्नयन और रोजगार सृजन की दृष्टि से बड़ी भूमिका का निर्वहन करेंगे।” उन्होंने कहा कि चित्रकूट से प्रयागराज को जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ने के प्रस्ताव को भी मजूरी दी गई।