Asad Ahmed Encounter: पढ़ाई करने के लिए विदेश जाना चाहता था असद अहमद, इस वजह से नहीं मिला पासपोर्ट

punjabkesari.in Friday, Apr 14, 2023 - 04:12 PM (IST)

प्रयागराज: माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद (Gangster Atiq Ahmed) का तीसरे नंबर का बेटा असद 12वीं करने के बाद विदेश (Foreign) में पढ़ने जाने वाला था लेकिन परिवार (Family) की अपराधिक पृष्ठभूमि होने के कारण उसे पासपोर्ट (Passport) नहीं मिला। अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के पांच बेटे में तीसरे नंबर पर असद (Asad) था। उससे बड़े दो भाई उमर और अली भी नैनी (Naini) और लखनऊ (Lucknow) की जेल में बंद है। दो छोटे भाई एहजम और आबान धूमनगंज थाना क्षेत्र के राजरूपपुर बाल सुधार गृह (Children Home) में बंद है। असद के ऊपर इससे पहले कोई मामला दर्ज नहीं था। उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) में पहली बार वह दोषी पाया गया।

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चकिया क्षेत्र में कुछ लोगों ने अतीक और असद के बारे में कुछ भी बोलने से कर दिया इनकार
जानकारी के मुताबिक, चकिया क्षेत्र में कुछ लोगों ने अतीक और असद के बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। केवल यह सुना है कि असद की कल मुठभेड में मौत हो गई। 45 वर्षीय रजिया ने कहा कि सांसद जी इज्जतदार इंसान है। वह हमेशा गरीबों की मदद करते थे। शादी-ब्याह में मदद देते थे। हम मानते हैं कि बच्चे से गलती हुई है। उसे एक बार सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए था। उसे आजीवन कारावास दे देते, उसे तो उड़ा ही दिया। यह कैसा न्याय है।

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12वीं करने के बाद विदेश पढ़ने जाने वाला था असद अहमद
चकिया क्षेत्र के 60 वर्षीय वसीम (परिवर्तित नाम) ने बताया कि वह हमारे सामने ही पैदा हुआ। ऐसा उसका हश्र होगा कल्पना नहीं किया था। कान्वेंट से पढ़ाई कर रहा था। वह पढ़ने में होशियार था लेकिन गुस्सैल भी बहुत था। 12वीं करने के बाद विदेश पढ़ने जाने वाला था लेकिन उसके परिवार की अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के कारण जांच के बाद उसे बाहर जाने का पासपोर्ट नहीं मिल सका। उन्होंने बताया कि एक बार गुस्से में उसने अपने स्कूल के एक अध्यापक को चांटा तक मार दिया था। पिता अतीक अहमद की तूती इस कदर बोलती थी कि स्कूल प्रबंधन ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज ही नहीं कराई। असद को अपने कर्मों की सजा इतनी जल्दी मिलेगी, किसी ने सोचा नहीं था।

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यूपीएसटीएफ ने मुठभेड़ में असद और मोहम्मद गुलाम को मार गिराया
वसीम ने बताया कि उसका पुराना इतिहास रहा है कि किसी उभरते व्यक्ति की हत्या कर परिवार को जरायम की दुनिया में लांच करता था। अपने जमाने के कुख्यात चांद बाबा की हत्या कर उसने अपने को अपराध की दुनिया में स्थपित किया था। चांद बाबा के रहते उसे कामयाबी नहीं मिल रही थी। राजू पाल की हत्या कर उसने अपने छोटे भाई अशरफ को स्थापित किया था। अब उसने अपने तीसरे नंबर के बेटा असद को स्थापित करने के लिए उमेश पाल की हत्या को अंजाम देकर साम्राज्य की बागडोर असद को देना चाहता था लेकिन उसे नहीं पता था कि उमेश पाल की हत्या उसके परिवार की बर्बादी साबित होगी। गौरतलब है कि गुरूवार को दोपहर में झांसी के बडागांव थानाक्षेत्र में यूपीएसटीएफ ने सशस्त्र मुठभेड़ में असद और मोहम्मद गुलाम को मार गिराया।


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Content Editor

Anil Kapoor

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