तिकुनिया हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को मिली जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने लगाईं ये शर्तें

punjabkesari.in Friday, Jan 27, 2023 - 07:25 PM (IST)

लखीमपुर खीरी: तिकुनिया हिंसा कांड के आरोप में जेल में बंद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय टेनी मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जेल से रिहाई हो गई है। दरअसल, तिकुनिया में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त 8 हफ्ते यानी कि 2 महीने की सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि आशीष मिश्रा दिल्ली और उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में नहीं रहेंगे। कोर्ट ने कहा कि आशीष मिश्रा को अपनी लोकेशन के बारे में भी सूचित करना होगा। अजय टेनी मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू  278 दिन से जेल में बंद है। फिलहाल आज अशीष मिश्रा को लखीमपुर जेल से सशर्त रिहा कर दिया गया है। 

PunjabKesari

हिंसा में आठ लोगों की हुई थी मौत 
बता दें कि तीन अक्टूबर, 2021: लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का किसानों द्वारा विरोध किए जाने के दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। पांच अक्टूबर, 2021: घटना की जांच की निष्पक्षता पर गंभीर चिंता जताते हुए उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर। 20 अक्टूबर, 2021: उच्चतम न्यायालय ने मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस को इस धारणा को दूर करने की जरूरत है कि वह बहुत धीमे काम कर रही है और उसे मजिस्ट्रेट के सामने गवाहों के बयान दर्ज कराने एवं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।  26 अक्टूबर, 2021: शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों को सुरक्षा देने तथा और प्रत्यक्षदर्शी खोजने का निर्देश दिया क्योंकि ऐसी गवाही अधिक विश्वसनीय होती है।

PunjabKesari

उच्चतम न्यायालय के आदेश पर एसआईटी कर रही थी मामले की जांच 
वहीं 17 नवंबर, 2021 को उच्चतम न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को उत्तर प्रदेश एसआईटी (विशेष जांच दल) की जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया। 10 फरवरी, 2022: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने आशीष को नियमित जमानत दी और राय व्यक्त की कि मामला ‘‘वाहन से टकराकर दुर्घटना’’होने का है। किसनों ने जमानत याचिका को उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को चुनौती देने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की। चार मार्च, 2022: उच्चतम न्यायालय जमानत देने संबंधी फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हुआ।

PunjabKesari

Supreme Court ने आशीष को जमानत देने के उच्च न्यायालय के फैसले पर उठाए थे सवाल
29 मार्च, 2022: उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि आशीष मिश्रा को जमानत देने को चुनौती देने का फैसला संबंधित प्राधिकारियों के पास लंबित है। चार अप्रैल, 2022: उच्चतम न्यायालय ने आशीष को जमानत देने के उच्च न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाया और कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, घावों की प्रकृति जैसे अनावश्यक विवरणों पर उस समय विचार नहीं किया जाना चाहिए था, जब सुनवाई शुरू होनी बाकी हो। उसने आदेश सुरक्षित रखा।

उच्चतम न्यायालय ने आशीष को आठ सप्ताह की दी है अंतरिम जमानत
18 अप्रैल, 2022: इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आशीष को दी गई जमानत को उच्चतम न्यायालय ने रद्द किया और उससे एक हफ्ते में आत्मसमर्पण करने को कहा। न्यायालय ने जमानत याचिका उच्च न्यायालय को वापस भेजी और उससे तीन महीने के भीतर ‘‘निष्पक्ष और उचित तरीके से तथा स्थापित मापदंडों को ध्यान में रखते हुए’’ फिर से फैसला करने को कहा। 26 जुलाई 2022: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने आशीष की जमानत याचिका खारिज की। छह सितंबर 2022: आशीष की जमानत याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा। 19 जनवरी, 2023: उच्चतम न्यायालय ने आशीष की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा। 25 जनवरी, 2023 : उच्चतम न्यायालय ने आशीष को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Recommended News

Related News

static