काकोरी पेशाब कांड पर सियासी बवाल, सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने सरकार से मांगा जवाब
punjabkesari.in Sunday, Oct 26, 2025 - 05:55 PM (IST)
Ayodhya News: लखनऊ के काकोरी में हुए पेशाब कांड ने पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। एक 65 वर्षीय दलित बुज़ुर्ग के साथ मंदिर में अमानवीय व्यवहार ने न सिर्फ समाज में आग लगा दी है, बल्कि राजनीतिक दलों को भी एक-दूसरे पर हमले का नया मौका दे दिया है,,, एक तरफ जहां सपा और कांग्रेस ने योगी सरकार को दलित विरोधी करार दिया, वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने पीड़ित परिवार को सरकारी सहायता देकर अपना बचाव किया है।
बता दें कि पेशाब कांड को लेकर जहां बीजेपी डिफेंस मूड में वहीं विपक्ष इस मुद्दे को लेकर आक्रामक रूप अपनाए हुए है...अगर बात करें फैजाबाद लोकसभा से सपा सांसद अवधेश प्रसाद की तो,,, लखनऊ में धरना प्रदर्शन के बाद अयोध्या पहुंचे और बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर भाजपा भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए,,, वहीं दूसरी तरफ लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती समारोह की बैठक करने अयोध्या पहुंचे प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अवधेश प्रसाद के इस बयान को लेकर कहा कि वह अपनी सरकार में हुए उत्पीड़न को याद करें।
बता दें कि सांसद अवधेश प्रसाद ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार प्रदेश में और केंद्र में सत्तारूढ़ हुई है तब से दलितों पर पिछड़ों पर और कमजोरों पर अत्याचार बढ़ रहा है, और उत्तर प्रदेश में जहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं दलित उत्पीड़न में रिकॉर्ड कायम किया है। वहीं उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस का एक बहुत ही नामी कार्यकर्ता है जिसने 70 साल के बुजुर्ग को बेइज्जत किया, शब्द का इस्तेमाल किया और गर्दन पर लात रखकर पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया।
‘अत्याचार तो उन्हीं लोगों ने किया था’
वहीं दूसरी तरफ सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती समारोह के संदर्भ में बैठक करने अयोध्या पहुंचे प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अवधेश प्रसाद के इस बयान को लेकर कहा कि अत्याचार तो उन्हीं लोगों ने किया था यह तो आपको याद होगा, राय पट्टी वाला मामला तो आप लोग को याद ही होगा और उससे बड़ा अत्याचार क्या हो सकता है।
पीड़ितों को न्याय मिले
खैर, काकोरी पेशाब कांड ने न केवल समाज में आक्रोश पैदा किया है, बल्कि राजनीतिक मोर्चे पर भी हलचल मचा दी है,,, अब सवाल यह है कि सरकार और प्रशासन इस मामले में कब और कैसे कार्रवाई करेंगे, ताकि पीड़ितों को न्याय मिले और ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके।

